
देश की राजनीति में एक नई शुरुआत करने का सपना देखने वाली नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) फिलहाल चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रही है. जुलाई में हुए जनआंदोलन के युवा नायकों ने इस पार्टी की नींव रखी थी और इसे भविष्य में राजनीति में बदलाव का वाहक माना जा रहा था. लेकिन अब स्थिति ऐसी बन गई है कि पार्टी को अपने अस्तित्व को औपचारिक रूप देने के लिए और वक्त की दरकार है.
चुनाव आयोग ने 10 मार्च को सार्वजनिक सूचना जारी कर 20 अप्रैल तक नई राजनीतिक पार्टियों के पंजीकरण के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. लेकिन NCP के लिए तय समयसीमा के भीतर सभी औपचारिकताएं पूरी करना मुश्किल हो गया है. पार्टी के पास न अभी पूरे केंद्रीय कार्यालय है, न ही जिलों और उप-जिलों में पर्याप्त कार्यालय खुले हैं. इसके अलावा पार्टी संविधान और समिति भी अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकी है. इसी कारण अब NCP चुनाव आयोग से समयसीमा बढ़ाने की अपील करने की तैयारी कर रही है.
युवाओं की अगुवाई वाली पार्टी की रफ्तार थमी
NCP की शुरुआत 28 फरवरी को हुई थी. इसे देश में बदलाव के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा था, खासकर युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा था. यूनुस को ‘किंगमेकर’ की छवि दिलाने वाले इन्हीं युवाओं ने इस पार्टी को मंच के रूप में चुना था. लेकिन अब जब पार्टी को आधिकारिक पहचान दिलाने की घड़ी आई, तो संसाधनों और संगठनात्मक ढांचे की कमी आड़े आ गई. पार्टी सूत्रों का कहना है कि वे आगामी दो महीनों में सभी आवश्यक शर्तें पूरी करने की कोशिश करेंगे.
चुनाव आयोग की मंशा पर भी उठे सवाल
NCP की सीनियर ज्वाइंट कन्वीनर समंथा शारमिन का मानना है कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर 20 अप्रैल की तारीख तय की है ताकि उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचे. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी फोरम में चर्चा हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. वहीं, ज्वाइंट कन्वीनर आरिफुल इस्लाम अदीब ने बताया कि पार्टी ने रजिस्ट्रेशन की तैयारियों के लिए एक टीम गठित की है जो जल्द ही आयोग से बातचीत करेगी.
नई उम्मीदों की तलाश में NCP
हालांकि फिलहाल मुश्किलें हैं, लेकिन NCP अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में लगी हुई है. जिलों और उपजिलों में कमेटियों के गठन का काम चल रहा है. छात्र आंदोलन, नागरिक समिति और अन्य पेशेवर वर्गों के लोगों को जोड़कर नई राजनीतिक धारा तैयार की जा रही है. अप्रैल में पार्टी का यूथ विंग लॉन्च किया जाएगा और वर्कर्स विंग की संयोजन समिति पहले ही घोषित की जा चुकी है. महिला और दिव्यांग फोरम सहित अन्य विंग्स पर भी काम हो रहा है. अब देखना होगा कि NCP अपने सपनों को साकार करने में कामयाब हो पाती है या नहीं.