
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)Image Credit source: PTI
यमन में जारी अमेरिकी कार्रवाई पर नजर रखने वाले सिग्नल चैट ग्रुप में एक पत्रकार का गलती से ऐड होना तूल पकड़ता जा रहा है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि सिग्नल चैट में एक पत्रकार को शामिल करने की शर्मनाक गलती के बाद डोनाल्ड ट्रंप को NSA माइक वाल्ट्ज को हटाने का सुझाव दिया गया है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने शनिवार को साफ किया कि यमन में हूतियों के खिलाफ हवाई हमले की उनके प्रशासन की योजना के लीक होने पर वह किसी को भी नहीं हटाएंगे.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ‘फर्जी खबर और षड्यंत्र’ के वजह से लोगों को नौकरी से नहीं निकालते, हालांकि व्हाइट हाउस ने इस लीक को स्वीकार किया है. जिसके बाद ट्रंप और व्हाइट हाउस के बयानों में टकराव देखने मिला है. अब सवाल उठ रहा है कि माइक वाल्ट्ज को सिर्फ इस वजह से नहीं हटाया जाएगा कि वह ट्रंप के करीबी हैं.
योजना लीक को ट्रंप ने बताया ‘फर्जी’ खबर
ट्रंप ने NBC न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मैं फर्जी खबरों और जासूसी की वजह से लोगों को नौकरी से नहीं निकालता.” डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और पेंटागन चीफ पीट हेगसेथ पर पूरा भरोसा है.
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यह पूछे जाने पर कि क्या माइक वाल्ट्ज को नौकरी से निकालने के बारे में कोई बातचीत हुई थी, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैंने ऐसा कभी नहीं सुना। और यह निर्णय कोई और नहीं बल्कि मैं ही लेता हूं और मैंने ऐसा कभी नहीं सुना.”
क्या चैट लीक होने वाला विवाद?
माइक वाल्ट्ज ने गलती से अटलांटिक मैगजीन के संपादक जेफरी गोल्डबर्ग को सिग्नल एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के एक ग्रुप में जोड़ दिया, जिसमें अमेरिका शीर्ष अधिकारी हूतियों पर हमले की योजना पर चर्चा कर रहे थे. पूरे अमेरिका में इस गलती को बड़ी सुरक्षा चूक माना जा रहा है. माइक वाल्ट्ज को निकालने की मांग भी की जा रही है.