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म्यांमार में भूकंप से तबाही का मंजर, 1600 से ज्यादा की गई जान, हर तरह की मदद के लिए आगे आया भारत, चल रहा ऑपरेशन ब्रह्मा

म्यांमार में भूकंप से तबाही का मंजर, 1600 से ज्यादा की गई जान, हर तरह की मदद के लिए आगे आया भारत, चल रहा ऑपरेशन ब्रह्मा

भारत ने शुरू किया ऑपरेशन ब्रह्मा

भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार को भयानक भूकंप ने दस्तक दी, अब तक इस भूकंप से 1, 644 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, समय के साथ मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है. देश में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख ने 1,644 से अधिक मौतों की पुष्टि की. वहीं, अमेरिकी एजेंसी ने चेतावनी दी कि मरने वालों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है. म्यांमार में मची तबाही के बीच भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. पड़ोसी देश के लिए भारत ने न सिर्फ चिंता व्यक्त की है बल्कि राहत और बचाव के लिए भी आगे आया है. भारत भूकंप से म्यांमार में मची तबाही के चलते ऑपरेशन ब्रह्मा चला रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार में सैन्य नेतृत्व वाली सरकार के प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत तबाही से निपटने में देश के साथ एकजुटता से खड़ा है. पीएम मोदी ने इस बातचीत की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की. विनाशकारी भूकंप में जानमाल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की. एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.

ऑपरेशन ब्रह्मा जारी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व से बात करने के बाद भारत ने भारत ने वायु सेना के विमान से म्यांमार को सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट सहित 15 टन राहत सामग्री भेजी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन ब्रह्मा की जानकारी देते हुए बताया कि विशेष गियर और खोजी कुत्तों से लैस एनडीआरएफ के 80 बचावकर्मियों की एक टीम भी म्यांमार के लिए रवाना हुई. उन्होंने कहा, इसके साथ ही, भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह के रास्ते में हैं.

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

पड़ोसी देश के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन ब्रह्मा की जानकारी देते हुए देश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि यूनिट में महिला और चाइल्ड केयर सेवाएं भी शामिल हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 38 कर्मियों और 10 टन राहत सामग्री के साथ एक दूसरा, सी-130 विमान भी नेपीताव में उतरा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस ले जाने वाले दो सी-17 विमान जल्द ही वहां मदद लेकर पहुंचेंगे.

म्यांमार में मची तबाही

म्यांमार में शुक्रवार को भूकंप ने पूरे देश में तबाही मचाई. भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई थी. यह इतने तेज झटके थे कि कई बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह गिर गई. पेड़ गिर गए और इन चीजों में दब कर अब तक 1,600 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, घायलों की संख्या 2,400 तक पहुंच गई है. बचाव अभियान जारी है और अब देश को विदेशी मदद मिल रही है.

विदेश से मिल रही मदद

भूकंप से मची तबाही के बाद जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने एक वीडियो स्पीच में कहा था, मैंने राहत प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन का अनुरोध किया है. इसी के बाद अब देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद मिलने शुरू हो गई है. जहां एक तरफ भारत ने ऑपरेशन ब्राह्मा लॉन्च कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ यूनाइटेड किंगडम ने शनिवार को म्यांमार के लिए मानवीय सहायता में डॉलर 12.9 मिलियन का वादा किया और कहा कि वह भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में सहायता बढ़ाएगा और भोजन और पानी की आपूर्ति, दवा और घर को लेकर लोगों की सहायता करेगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भूकंप को “भयानक” बताया और कहा कि अमेरिका म्यांमार की मदद करेगा. यूरोपीय संघ ने प्रारंभिक आपातकालीन सहायता में डॉलर 2.7 मिलियन देने की घोषणा की. इस बीच, आयरलैंड ने शुरुआती 6 मिलियन यूरो की सहायता देने का वादा किया, जिसका आधा हिस्सा रेड क्रॉस संगठनों को और आधा हिस्सा संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को दिया जाएगा. इसके साथ ही, न्यूजीलैंड ने कहा कि वो म्यांमार में आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस को $1.1 मिलियन देगा.

चीन ने बचावकर्मियों की 82 सदस्यीय टीम म्यांमार भेजी है. चीन ने यह भी कहा कि वो आपातकालीन मानवीय सहायता में $13.8 मिलियन देश को देगा. सरकार ने कहा कि हांगकांग ने दो खोजी और बचाव कुत्तों और जीवन डिटेक्टरों सहित 9 टन उपकरणों के साथ 51-व्यक्ति टीम भी तैनात की है. इनके अलावा मलेशिया, फिलीपींस और दक्षिण कोरिया ने भी म्यांमार के लिए मदद भेजी.

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