
मेहुल चोकसी और बारबिका जबरिका
बेल्जियम पुलिस की गिरफ्तारी के बाद एक तरफ भारत की जांच एजेंसियां मेहुल चोकसी को लाने की कवायद में जुट गई है. वहीं दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि चोकसी अगर एक गलती नहीं करते तो उन्हें पुलिस की गिरफ्त में नहीं आना पड़ता. दरअसल, मेहुल चोकसी भारत से भागने के बाद एक लड़की के ट्रैप में आ गए. उसके बाद से ऐसी स्थिति बनती चली गई कि आखिर में चोकसी को जेल जाना पड़ गया.
कहानी शुरू से शुरू करते हैं
2017 में पंजाब नेशनल बैंक के लोन घोटाला में नाम आने के बाद मेहुल चोकसी फरार हो गया. शुरुआती रिपोर्ट में उसके एंटीगुआ बरबुडा में रहने की बात सामने आई. कहा जा रहा है कि यहीं पर मेहुल की दोस्ती बारबिका से हुई, जो हंगरी की रहने वाली थी.
2021 में बारबिका के फेर में मेहुल ऐसे फंसे कि उनका अपहरण कर लिया गया. मेहुल इसके बाद डोमनिका पहुंच गए. मेहुल के डोमनिका पहुंचते ही भारतीय अधिकारी उसे लेने पहुंच गए. यहां मेहुल 51 दिनों तक जेल में ही रहे. आखिर में उसे डोमनिका ने एंटीगुआ भेज दिया.
भारत की जांच एजेंसियों ने इसके बाद एंटीगुआ की सरकार पर दबाव डालना शुरू कर दिया. पहले मेहुल के नाम के आगे से रेड कॉर्नर नोटिस हटाया और फिर उसे पकड़ने का प्लान तैयार किया. इसे देखते हुए मेहुल बेल्जियम पहुंच गए. बेल्जियम पर जब सरकार ने दबाव डाला तो मेहुल स्विटजरलैंड जाने की कवायद में जुट गए. हालांकि, उससे पहले ही उन्हें बेल्जियम की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया.
राज नाम बताकर की दोस्ती
बारबिका के मुताबिक पहली मुलाकात में मेहुल ने उसे अपना नाम राज बताया. बारबिका रियल स्टेट सेक्टर में काम करती हैं. बारबिका ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं मेहुल से सिर्फ 2-3 बार ही मिली लेकिन उसने ऐसा झूठ गढ़ा कि मैं उसकी गर्लफ्रेंड हूं.
डोमेनिका से वापस आने के बाद मेहुल और बारबिका की दोस्ती खत्म हो गई. मेहुल की पत्नी ने बारबिका पर हनीट्रैप का आरोप लगाया था. हालांकि, बारबिका का कहना था कि ये सब झूठ है.
कहा जाता है कि अगर बारबिका के फेर में मेहुल नहीं फंसते तो आराम से एंटीगुआ में अभी रह रहे होते.
मेहुल पर क्या है आरोप?
भगोड़ा हीरा कारोबारी चोकसी पर 13,850 करोड़ रुपए के PNB घोटाले का आरोप है. 2018 में भारतीय जांच एजेंसी ने चोकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया था. चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. चोकसी के खिलाफ ईडी और सीबीआई की जांच चल रही है.