
बांग्लादेश में चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने नया खेल खेल दिया है. खलीलुर रहमान को देश का नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बनाया गया है. खलीलुर के पास बांग्लादेश में 5 बड़े विभाग हैं. इनमें रोहिंग्या और रक्षा विभाग प्रमुख है. कुछ लोग मान रहे हैं कि इस अंतरिम सरकार में रक्षा विभाग जिसके पास है उसके पास असली पावर है.
खलीलुर लगातार भारत के विरोध में हमलावर है और शेख हसीना के मुद्दे को उठा रहे हैं. कुछ दिन पहले शेख हसीना की पार्टी को लेकर यूनुस ने नरम रूख अपनाने की बात कही थी, लेकिन खलीलुर ने हसीना को नरसंहार के आरोप में तलब कर सजा दिलाने की बात कह दी. इसके बाद यूनुस का भी स्वर बदल गया. खलीलुर शेख हसीना की भारत से वापसी चाहती है, लगातार इस मांग को कर रहे हैं. अब देश का सिक्योरिटी एडवाइजर बना दिया गया, जिसके बाद बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां उनकी उंगलियों पर नाचेंगे.
Dr. Khalil redesignated as National Security Adviser
DHAKA, April 9: Dr. Khalilur Rahman, Chief Adviser’s High Representative for the Rohingya Issue and Priority Affairs, was redesignated as the National Security Adviser on Wednesday.
He will retain his functions as the High pic.twitter.com/9dNeoPUFE8
— Chief Adviser of the Government of Bangladesh (@ChiefAdviserGoB) April 9, 2025
कौन हैं खलीलुर?
खलीलुर रहमान कोई नया नाम नहीं 1991 में जिनेवा में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में विशेष सलाहकार के रूप में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में शामिल हुए थे. संयुक्त राष्ट्र में आगामी 25 सालों के दौरान, उन्होंने न्यूयॉर्क और जिनेवा में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर कार्य किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में एलडीसी कार्यक्रम के प्रमुख के रहे, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में गैर-टैरिफ बाधाओं पर संयुक्त राष्ट्र प्रणाली अंतर-एजेंसी समूह के अध्यक्ष और विश्व व्यापार के नए और गतिशील क्षेत्रों पर कार्यक्रम के प्रमुख समन्वयक आदि शामिल हैं.
रहमान ने कई संयुक्त राष्ट्र के लेख लिखे उन्होंने 2001 में ब्रुसेल्स एलडीसी सम्मेलन का नेतृत्व किया, जिसने एलडीसी के निर्यात के ऐतिहासिक शुल्क और कोटा मुक्त उपचार को अपनाया.
पश्चिमी देशों से करीबी रिश्ते
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अमेरिका से समर्थन प्राप्त संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों से जुड़े होने की वजह से उनका ओहदा इस सरकार में यूनुस से भी ऊपर माना जा रहा है. उनके पास अंतरिम सरकार में 5 बड़े विभाग हैं, जिसके बाद लग रहा है कि यूनुस तो बस एक मोहरा हैं,असली पावर तो रहमान के पास हैं.