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मिसाइल और बम छोड़िए, इस एक गलती से मिट्टी में मिल जाएगा ईरान

मिसाइल और बम छोड़िए, इस एक गलती से मिट्टी में मिल जाएगा ईरान

7.0 का भूकंप ईरान को कर सकता है तबाह

ईरान की राजधानी तेहरान पर एक बड़े खतरे का साया मंडरा रहा है. यह खतरा किसी युद्ध या बाहरी हमले से नहीं, बल्कि उस जमीन के नीचे छिपे विनाशकारी भूकंप से जिस पर ये शहर बसा है. हाल ही में आए हल्के झटकों ने इस भयावह हकीकत की ओर फिर से ध्यान खींचा है.

इन झटकों के साथ-साथ पानी की कमी, बिजली संकट और प्रदूषण ने भी राजधानी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो एक विनाशकारी भूकंप लाखों लोगों की जान ले सकता है और शहर को पूरी तरह बर्बाद कर सकता है.

7.0 का भूकंप ईरान को कर सकता है तबाह

इसी महीने तेहरान के दक्षिण-पूर्व में स्थित घनी आबादी वाला शहर वरामिन दो भूकंपों से हिल गया. 14 मार्च को 3.0 और 3.3 तीव्रता के झटके महसूस किए गए. हालांकि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. मगर इन झटकों ने याद दिलाया कि राजधानी किसी भी वक्त एक बड़े भूकंप की चपेट में आ सकती है. भूकंप विज्ञान के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि तेहरान पहले से कहीं अधिक जोखिम में है. अगर 7.0 तीव्रता का भूकंप आया, तो 60 लाख तक लोगों की जान जा सकती है.

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तीन खतरनाक फॉल्ट लाइनों पर बसा तेहरान

ईरान की राजधानी तेहरान करीब एक करोड़ से ज्यादा लोगों का घर है. मगर ये शहर तीन प्रमुख फॉल्ट लाइनों और कई छोटी दरारों के ऊपर बसा हुआ है. जापान कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के साथ किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि इनमें से किसी भी फॉल्ट लाइन पर7.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है, जिससे आधे शहर की इमारतें ढह सकती हैं.

सबसे ज्यादा जोखिम वाले इलाके

तेहरान का दक्षिण-पूर्वी इलाका सबसे अधिक खतरे में माना जाता है, क्योंकि यह एक प्रमुख फॉल्ट लाइन पर स्थित है. यहां पुराने और जर्जर मकान बहुत घनी आबादी के बीच बने हुए हैं. संकरी गलियां और अव्यवस्थित ढांचा किसी बड़े भूकंप के बाद राहत कामों में बाधा डाल सकता है. इसके अलावा, बीते कुछ दशकों में ज़मीन के अंदर पानी का स्तर तेजी से घटने के कारण इस इलाके में ज़मीन धंसने की समस्या बढ़ी है, जो इसे और अधिक अस्थिर बनाती है.

ईरान के विनाशकारी भूकंपों का इतिहास

ईरान दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-संवेदनशील देशों में से एक है, जहां लगभग 575 सक्रिय फॉल्ट लाइन्स हैं. यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जो बड़ी तबाही मचाते हैं. 1990 में कास्पियन पहाड़ियों में मंज़िल और रूदबार क्षेत्र में आए 7.4 तीव्रता के भूकंप में 35,000 से 50,000 लोगों की मौत हुई थी.

1830 में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप ने तब के छोटे से गांव शेमिरान को बुरी तरह हिला दिया था. आज वही इलाका राजधानी का एक पॉश इलाका बन चुका है, जहां ऊंची इमारतें, सरकारी दफ्तर और शॉपिंग मॉल हैं. , 2003 में बाम शहर में आए 6.6 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 34,000 लोग मारे गए थे. 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, आने वाले 2 से 12 वर्षों में तेहरान के 100 किलोमीटर के दायरे में एक बड़े भूकंप की 40 से 70 प्रतिशत संभावना है.

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