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मर्डर कर खोल देता था खोपड़ी… दिमाग पर लगी एक चोट से बन गया 48 हत्या करने वाला ‘चेस किलर’

मर्डर कर खोल देता था खोपड़ी... दिमाग पर लगी एक चोट से बन गया 48 हत्या करने वाला 'चेस किलर'

दिमाग पर एक चोट और बन गया 48 हत्या करने वाला ‘चेस किलर’Image Credit source: Sergey Shakhidzanyan/Laski Diffusion/Getty Images

रूस का एक ऐसा सीरियल किलर जो खुद को भगवान मानता था. जो इंसानों को मारने को अपनी जिंदगी का मकसद समझता था. और जिसने एक-एक हत्या को एक चेसबोर्ड के हर खाने से जोड़ दिया था. रूस के अलेक्जेंडर पिचुश्किन को साल 2007 में 48 लोगों की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. अब खबर है कि वह जेल में रहते हुए और 11 हत्याओं का राज खोलने के लिए तैयार है. अगर ये हत्याएं साबित हो जाती हैं तो वह रूस का दूसरा सबसे खतरनाक सीरियल किलर बन जाएगा.

पिचुश्किन ने अपने शिकार के तौर पर बुजुर्गों, बेघर लोगों और शराबियों को चुना. 1992 से लेकर 2006 के बीच उसने मास्को के बिट्सा पार्क में ये हत्याएं कीं. चूंकि चेसबोर्ड में 64 खाने होते हैं, इसलिए उसका लक्ष्य था कि वह 64 लोगों की हत्या कर हर खाने को ‘एक मौत’ से भर दे. यही वजह थी कि उसे ‘चेसबोर्ड किलर’ के नाम से जाना गया. अब उसने दावा किया है कि वह 11 और हत्याएं कर चुका है, जिनका राज वह खोलने के लिए तैयार है.

इस चोट का हुआ असर

अलेक्जेंडर पिचुश्किन का जन्म 9 अप्रैल 1974 को मॉस्को ओब्लास्ट के मयतिशची में हुआ था. बचपन में वह सामान्य और मिलनसार था लेकिन एक झूले से गिरकर उसके माथे पर गहरी चोट लगी, जिससे उसका स्वभाव पूरी तरह बदल गया. माना जाता है कि इस चोट ने उसके दिमाग के फ्रंटल कॉर्टेक्स को नुकसान पहुंचाया, जिससे उसमें आक्रामकता और हिंसक प्रवृत्तियां बढ़ीं.

ऐसे सीखा चेस खेलना

स्कूल में लगातार बदतमीजी और शारीरिक हिंसा का शिकार होने के बाद उसकी मां ने उसे विशेष बच्चों के स्कूल में दाखिल करवाया. लेकिन उसके नाना ने उसकी बुद्धिमत्ता को पहचाना और उसे चेस खेलने के लिए प्रेरित किया. बिट्सा पार्क में वह बुजुर्गों के साथ चेस खेलने लगा. लेकिन दिमागी अस्थिरता और गुस्से ने उसे खतरनाक दिशा में मोड़ दिया. नाना की मौत के बाद वह फिर से मां के पास लौट गया और धीरे-धीरे उसकी हिंसक प्रवृत्तियां बढ़ती गईं.

कब की थी पहली हत्या?

पिचुश्किन की पहली हत्या 1992 में हुई. उसका दोस्त मिखाइल ओडिचुक उसके साथ 64 हत्याओं की योजना बना रहा था, लेकिन ऐन मौके पर उसने मना कर दिया. इस पर गुस्साए पिचुश्किन ने उसकी हत्या कर दी और उसका शव सीवर में फेंक दिया. यह हत्या कभी साबित नहीं हो पाई और वह कई वर्षों तक चुप रहा. लेकिन 1996 में रूस में फांसी पर रोक लगने के बाद वह फिर से सक्रिय हो गया.

Chessboard Killer (1)

5 साल में 36 हत्याएं

2001 से 2005 के बीच उसने लगभग 36 हत्याएं कीं. आमतौर पर वह अपने शिकार को चेस के बहाने पार्क में बुलाता, फिर वोडका पीने का प्रस्ताव देता और फिर पीछे से सिर पर हमला कर देता. कई बार वह लाश को सीवर में फेंक देता और कभी-कभी खोपड़ी में बोतल या लकड़ी की छड़ घुसेड़ देता था. यह उसका ‘हस्ताक्षर’ बन गया था. तीन लोग उसके हमले से किसी तरह बच गए.

हथौड़े से खोल देता था खोपड़ी

2005 से 2006 के बीच उसकी हत्या का तरीका और भी क्रूर हो गया. वह अपने शिकार के सिर पर कई बार हथौड़े से वार करता और फिर वोडका की बोतल उनके सिर में ठूंस देता. खास बात यह थी कि इस दौरान उसने अपने ही अपार्टमेंट बिल्डिंग के 10 लोगों की हत्या कर डाली. उनमें से चार तो उसी इमारत में रहते थे जिसमें वह खुद रहता था.

इस साल हुआ गिरफ्तार

उसकी गिरफ्तारी जून 2006 में हुई. उसने एक महिला सहकर्मी मरीना को मार डाला. मरीना ने अपने बेटे को एक नोट में पिचुश्किन का नाम लिखा था, जिससे पुलिस उसे पकड़ सकी. पूछताछ में उसने लगभग सभी हत्याओं की जानकारी दी. उसने खुद को ‘इन लोगों का पिता’ कहा, जिसने उन्हें एक नई दुनिया में भेजा. उसका कहना था, “जैसे तुम्हें जीने के लिए खाना चाहिए, वैसे ही मुझे जीने के लिए हत्या चाहिए.”

रूस का दूसरा सबसे बड़ा किलर

2007 में उसे 49 हत्याओं और 3 हत्या के प्रयासों का दोषी करार दिया गया. हालांकि उसने अदालत से कहा कि वह 11 और हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार है. फिलहाल वह आर्कटिक नॉर्थ के ‘पोलर आउल’ जेल में बंद है, जहां उसे 15 साल की एकांत कारावास और फिर उम्रकैद की सजा दी गई है. अगर 11 और हत्याएं साबित हो जाती हैं तो वह मिखाइल पोपकोव के बाद रूस का सबसे खतरनाक सीरियल किलर बन जाएगा.

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