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भूकंप ने रोक दी 2000 विमानों की लैंडिंग, हर रोज बैंकॉक जाते हैं इतने लोग

भूकंप ने रोक दी 2000 विमानों की लैंडिंग, हर रोज बैंकॉक जाते हैं इतने लोग

थाइलैंड में भूकंप के बाद इमरजेंसी लागू, उड़ानें रद्द

म्यांमार में शुक्रवार सुबह आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए, जिससे वहां अफरातफरी मच गई. राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जबकि सैकड़ों लोग दफ्तरों और घरों से बाहर निकल आए. भूकंप के कारण थाईलैंड में इमरजेंसी लागू कर दी गई है, और हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है.

थाईलैंड दक्षिण पूर्व एशिया का एक प्रमुख एयर ट्रांसपोर्ट हब है. पर्यटन और व्यापार के चलते यहां हर दिन हजारों यात्री आते-जाते हैं. ऐसे में भूकंप जैसी आपदाओं का सीधा असर हवाई उड़ानों और यात्रियों पर पड़ता है.

थाईलैंड के एयरपोर्ट कितने व्यस्त रहते हैं?

थाईलैंड में पर्यटन उद्योग बेहद मजबूत है, और इसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा इसी पर निर्भर करता है. 2024 में थाई हवाई अड्डों पर लगभग 7.6 लाख उड़ानें दर्ज की गईं. यानी औसतन हर दिन 2082 फ्लाइट्स थाईलैंड के आसमान में उड़ती हैं.

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अगर यात्रियों की बात करें, तो हर दिन हजारों लोग देश के अलग-अलग हिस्सों और विदेशों से थाईलैंड आते हैं. खासतौर पर यूरोप से आने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक रहती है. इस साल की पहली तिमाही में करीब 60% विदेशी यात्री यूरोप से आए, जिनमें रूसी पर्यटकों की संख्या भी प्रमुख रही.

भूकंप का असर उड़ानों पर: यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

भूकंप के बाद लागू हुई इमरजेंसी के कारण कई उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे सैकड़ों यात्रियों को परेशानी हुई. टूरिस्ट और बिजनेस ट्रैवलर्स के लिए थाईलैंड एक महत्वपूर्ण केंद्र है, इसलिए हवाई सेवाओं में बाधा का व्यापक असर देखा गया.

कोविड-19 महामारी के दौरान थाईलैंड का एविएशन सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ था, लेकिन 2022 में सीमाएं खोलने के बाद इसमें तेज़ी से सुधार हुआ. हाल ही में बढ़ती उड़ानों और पर्यटकों की बढ़ती संख्या के बीच यह भूकंप एक और झटका साबित हुआ है. थाईलैंड की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा टूरिज्म पर टिका है, और ऐसे में उड़ानों के ठप होने से पर्यटन उद्योग को भी बड़ा नुकसान हो सकता है.अगर जल्द ही स्थिति सामान्य नहीं हुई, तो इससे एयरलाइंस और होटल इंडस्ट्री पर भी असर पड़ सकता है.

अब आगे क्या?

थाईलैंड सरकार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और उड़ानों को फिर से सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं कब और कितनी तबाही मचाएंगी, यह कहना मुश्किल होता है. फिलहाल, यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा से पहले एयरलाइन की स्थिति और उड़ानों के शेड्यूल की जानकारी ले लें, ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके.

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