
Bihar News Today: बिहार में आवागमन को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत 300 करोड़ रुपये की लागत से करीब 700 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। सरकार का कहना है कि योजना केवल पुलों का निर्माण नहीं है, बल्कि गांवों को आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित करेगी। इससे किसानों को अपने उत्पादों को बाजार में बेचने में आसानी होगी, बच्चों को स्कूल जाना सुरक्षित और आसान होगा और आपातकालीन चिकित्सा के लिए लोगों को मार्ग मिलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी “मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना” के तहत बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 700 नए पुलों का निर्माण किया जाएगा, जो गांवों को शहरों से जोड़ेंगे और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे। इस योजना से राज्य के हजारों गांवों को स्थायी और सुरक्षित सड़क संपर्क मिल सकेगा, जिसके लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है, जो सितंबर 2024 में स्वीकृत हुई थी।
नए पुल बदलेंगे पुराने
योजना के तहत नए और मजबूत पुलों की जगह पुराने और खराब पुलों को बनाया जाएगा। बल्कि उन क्षेत्रों में भी काम करेगा जहां मिसिंग ब्रिज की वजह से आज भी रास्ता अधूरा है। साथ ही बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से खराब पुलों को फिर से बनाया जाएगा। पुराने पुल जहां एप्रोच रोड नहीं है, वहां भी निर्माण कराया जाएगा। ताकि इन बेकार पड़े पुलों की उपयोगिता साबित हो सके और लोगों को आवागमन में कोई परेशानी न हो।
14 पुलों को मंजूरी मिल चुकी है
फिलहाल, योजना के लिए 117.64 करोड़ रुपये की लागत वाले 14 पुलों को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। जिला संचालन समितियों के स्तर पर प्रस्तावों की समीक्षा सभी जिलों में की जा रही है। जल्द ही बाकी परियोजनाओं को भी स्वीकृति मिलेगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क व्यवस्था बनाना है, जहां बरसात, बाढ़ या पुराने जर्जर पुलों के कारण आवाजाही अभी भी बाधित है।