
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में नौ साल बाद जमीनों के सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी हो रही हैं। जमीनों के बाजार दाम के आधार पर नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे किनारे की जमीनों के बैनामों के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इनके किनारे की जमीनों पर दस प्रतिशत से ज्यादा सर्किल रेट बढ़ सकते हैं। मगर, गांवों के संपर्क मार्गों पर अभी सर्किल रेट नहीं बढ़ाया जाएगा।
यहां जमीनों के सर्किल रेट आखिरी बार वर्ष 2016 में बढ़े थे। इसके आधार पर ही बागपत से होकर गुजर रहे दिल्ली-देहरादून इकॉनमिक कॉरिडोर के लिए 5365 किसानों की जमीन का अधिग्रहण करके मुआवजा दिया गया। अब नौ साल पुराने सर्किल रेट के आधार पर ही हरियाखेड़ा में जमीनों के बैनामें कराए जा रहे हैं। यह भी कारण माना जा रहा है कि इतने साल से यहां सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए हैं।
जबकि जमीनों के बाजार भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं और वह आसमान पर पहुंच गए हैं। इसलिए इस बार सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी हो रही हैं। इसके लिए ही बागपत, बड़ौत, खेकड़ा सभी जगहों के बैनामों को निकालकर उनके आधार पर आंकलन किया जा रहा है कि सर्किल रेट कितना बढ़ाया जा सकता है।
इसमें दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे और मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे के किनारे की जमीनों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। क्योंकि जमीनों को सबसे ज्यादा इनके आसपास ही खरीदा और बेचा जा रहा है। हालांकि सर्किल रेट बढ़ाने का आखिरी फैसला शासन के निर्देशों व बैठक के आधार पर लिए जाने की बात कही जा रही हैं।