
बांग्लादेश में जल्द ही आम चुनाव होने जा रहे हैं और देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारी में लगी हुई हैं. ऐसा पिछले 15 सालों बाद होगा, जब शेख हसीना के बिना बांग्लादेश में चुनाव होंगे. पिछले साल दिसंबर में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना की सरकार गिर गई थी और अभी मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार देश का कार्यभार संभाल रही है.
हसीना के तख्तापलट के बाद उनके पार्टी अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ हिंसा की कई खबरें सामने आई थी और नई सरकार में उनकी पार्टी पर प्रतिबंध मांग भी रखी गई थी. इस बार अवामी लीग चुनाव से दूर नजर आ रही है, निकले हसीना के लोग होने वाले बांग्लादेश के चुनाव में बड़ी ही चालाकी से हिस्सा लेने की कोशिश कर रहे हैं.
दूसरे राजनीतिक दलों में घुस रहे हसीना के लोग
हसीना के लोग अब अवामी लीग की जगह दूसरी पार्टियों की सदस्यता लेने की फिराक में ताकि इस चुनाव में वह अपनी जगह बना सके. जब ये बात हसीना विरोधियों को पता चली तो बवाल हो गया. आंदोलनकारी छात्रों द्वारा बनाई गई नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (एनसीपी) के सदस्य सचिव अख्तर हुसैन ने कहा कि वे बांग्लादेश में अवामी लीग के पुनर्वास को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि उसने नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं.
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उन्होंने यह बात शुक्रवार रात रंगपुर चैंबर बिल्डिंग में NCP आयोजकों के साथ बैठक के बाद एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कही है. अख्तर ने यह भी कहा कि अगर अवामी लीग का कोई भी व्यक्ति घुसपैठ की कोशिश करेगा तो उसे कानून के हवाले कर दिया जाएगा.
छात्रों की पार्टी में हसीना के लोगों की जगह नहीं
अख्तर हुसैन ने कहा, “अगर अवामी लीग का कोई भी व्यक्ति नेशनल सिटिज़न्स पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने की हिम्मत करता है, तो हम उसका विरोध करेंगे.” हम घुसपैठियों को कानून के हवाले कर देंगे. उन्होंने आगे कहा, हमारा मानना है कि जिन लोगों ने बांग्लादेश में फासीवाद थोपा है, उन्हें किसी भी तरह से बांग्लादेश में राजनीति करने का नैतिक अधिकार नहीं है.
अगले 5 साल यूनुस रहेंगे प्रधानमंत्री!
इस बैठक के बाद जब एक पत्रकार ने मुहम्मद यूनुस को पांच साल के लिए बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में देखने की मांग के बारे में पूछा, तो एनसीपी के उत्तरी क्षेत्र के मुख्य आयोजक सरजिस आलम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रोफेसर डॉ मुहम्मद यूनुस जैसे योग्य और कुशल व्यक्ति ही अब बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बनने के योग्य हैं. उनकी योग्यता और कौशल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना की जाती है.