
फिलिस्तीन मुद्दा अब सिर्फ इजराइल-अमेरिका और अरब देशों का मुद्दा नहीं रहा है. बल्कि ये अब यूरोपीय यूनियन, अफ्रीका और एशिया के देशों का भी हो गया है. पिछले 18 महीनों से जारी इजराइल बमबारी में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौतों ने पूरी दुनिया का ध्यान इस मुद्दे की ओर खीचा है.
बुधवार को फ्रांस 5 को दिए गए एक इंटरव्यू में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि उनकी सरकार आने वाले महीनों में फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने की दिशा में आगे बढ़ेगी. उनके इस बयान के बाद इजराइली सरकार भड़क गई है. पहले बेटे याईर नेतन्याहू और अब बेंजामिन नेतन्याहू ने उनकी इस योजना पर टिप्पणी की है.
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אני אוהב את בני יאיר, ציוני אמיתי שדואג לעתיד המדינה.
כמו כל אזרח, גם הוא זכאי לדעתו האישית, הגם שסגנון תגובתו לציוצו של הנשיא מקרון שקרא להקמת מדינה פלסטינית, אינו מקובל עלי.הנשיא מקרון טועה קשות, כאשר הוא ממשיך לקדם את רעיון המדינה הפלסטינית בלב ארצנו, שכל שאיפתה היא השמדת
— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) April 13, 2025
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जून में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान फिलिस्तीन को एक संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने की फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की योजना की आलोचना करते हुए कहा, “राष्ट्रपति मैक्रों हमारी जमीन के दिल में फिलिस्तीनी राज्य के विचार को बढ़ावा देने में गंभीर रूप से गलत हैं – एक ऐसा राज्य जिसकी एकमात्र आकांक्षा इजराइल का विनाश है.”
मैक्रों को उम्मीद
मैक्रों को उम्मीद है कि उनके फिलिस्तीन को मान्यता देने के बाद अरब देश भी इजराइल को मान्यता देने के लिए आगे आएंगे. लेकिन उनकी इस योजना ने इजराइल को फ्रांस के खिलाफ खड़ा कर दिया है. नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास द्वारा किए गए हमले का जिक्र करते हुए कहा, “आज तक हमास या फिलिस्तीनी प्राधिकरण के किसी भी व्यक्ति ने यहूदियों के नरसंहार के बाद से सबसे भीषण नरसंहार की निंदा नहीं की है.”
मिस्र में पीड़ित फिलिस्तीनियों से मिले मैक्रों
मैक्रों का ये बयान मैक्रों की मिस्र यात्रा के बाद आया है. हाल ही में मैक्रों ने मिस्र का दौरा किया जहां उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी के साथ उन अस्पतालों का दौरा किया जहां गाजा हमलों में घायल हुए फिलिस्तीनी भर्ती थे.