
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, और रूस के राष्ट्रपति पुतिन
कीव में भारतीय दवा कंपनी कुसुम हेल्थकेयर के गोदाम पर हुए मिसाइल हमले ने भारत को भी परेशानी में डाल दिया
है. 12 अप्रैल 2025 को यूक्रेन की राजधानी कीव में हुए इस हमले के बाद यूक्रेन ने सीधे तौर पर रूस पर आरोप लगाए कि वह जानबूझकर भारत जैसे मित्र देश के व्यावसायिक हितों को निशाना बना रहा है.
हालांकि अब रूस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि इस हमले में उसका कोई हाथ नहीं है. उल्टा रूस ने आशंका जताई है कि यह मिसाइल यूक्रेन की ही हो सकती है, जो दुर्घटनावश भारतीय कंपनी पर गिर गई.
❗️In response to the accusations spread by the Embassy of Ukraine in India the Russian Embassy in New Delhi informs that the Russian Armed Forces did not attack or plan to attack on April 12, 2025, Kusum Healthcares pharmacy warehouse in the eastern part of Kiev. pic.twitter.com/W9HifHREnz
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) April 17, 2025
क्या बोला रूसी दूतावास?
रूसी दूतावास ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि 12 अप्रैल को कीव के पूर्वी हिस्से में स्थित कुसुम हेल्थकेयर के फार्मेसी वेयरहाउस पर रूसी सेना ने कोई हमला नहीं किया और न ही ऐसा कोई इरादा था. रूसी दूतावास ने यह प्रतिक्रिया यूक्रेन के भारतीय दूतावास की उस टिप्पणी पर दी, जिसमें कहा गया था कि रूस भारत से ‘विशेष मित्रता’ का दावा करता है, लेकिन उसकी कार्रवाई इसके विपरीत है. यूक्रेनी दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि रूस भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है.
इतने देशों में काम कर रही ये कंपनी
इस घटनाक्रम के बाद एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध में विदेशी कंपनियों की सुरक्षा को लेकर चिंता गहरा गई है. कुसुम हेल्थकेयर की वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी की मौजूदगी 29 देशों में है, जिसमें यूक्रेन के साथ-साथ मोल्डोवा, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, केन्या, आइवरी कोस्ट, बेनिन, बुर्किना फासो, इथियोपिया, नाइजर, कैमरून, माली और तंजानिया जैसे देश शामिल हैं. कीव में हमले की खबर से इन देशों में कंपनी की गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है.
भारतीय कंपनी पर हमले से बढ़ी टेंशन
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही रूस पर आम नागरिकों और गैर-लड़ाकू प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के आरोप लगते रहे हैं. हालांकि रूस हर बार इन आरोपों को खारिज करता रहा है. अब भारतीय कंपनी पर हुए इस हमले से भारत की चिंता बढ़ गई है. फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बयानों के बीच भारत को कूटनीतिक रूप से संतुलन साधने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.