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पुतिन के लिए जंग लड़ने गए थे चीनी सैनिक, यूक्रेनियों ने जमकर कूटा, अरेस्ट

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को अब तीन साल होने को हैं, लेकिन शांति की कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती. अब इस युद्ध में एक और बड़ा मोड़ आ गया है. दरअसल, पुतिन के पास दोस्तों की कमी नहीं है, जो इस युद्ध में उनका साथ दें. ऐसे में, अब ये सवाल भी उठ रहा है आखिर पुतिन के साथ कितने देशों की सेना है? हाल ही में किम ने अपने सैनिको को भेजा था. वहीं, अब जेलेंस्की ने दावा किया है कि उनकी सेना ने दो चीनी नागरिकों को पकड़ लिया है, जो डोनेत्स्क इलाके में रूसी सेना के साथ लड़ते पाए गए.

इस घटनाक्रम से एक सवाल फिर खड़ा हो गया है कि क्या अब यह युद्ध रूस बनाम यूक्रेन नहीं, बल्कि रूस और उसके साथ खड़े देशों बनाम यूक्रेन की लड़ाई बनता जा रहा है. यूक्रेन की सेना ने जिन दो चीनी नागरिकों को पकड़ा है, उनके पास पहचान पत्र, बैंक कार्ड और अन्य व्यक्तिगत दस्तावेज भी मिले हैं. यह गिरफ्तारी यूक्रेनी सेना की ओर से चलाए गए एक ऑपरेशन के दौरान हुई.

जेलेंस्की ने पुतिन पर लगाए ये आरोप

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, हमारे पास यह संकेत हैं कि रूस की सेना में और भी कई चीनी नागरिक शामिल हो सकते हैं. फिलहाल यूक्रेन की खुफिया एजेंसियां, सुरक्षा सेवा और सेना की टीमें इस दिशा में तेजी से जांच कर रही हैं. जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के विदेश मंत्री को निर्देश दिया है कि वे तुरंत बीजिंग से संपर्क करें और स्पष्ट करें कि चीन इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाएगा.

साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रूस न केवल युद्ध को खत्म करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता, बल्कि वह इसे लंबा खींचने के लिए दूसरे देशों को भी अपने साथ युद्ध में घसीट रहा है. इस स्थिति में अमेरिका, यूरोप और शांति चाहने वाले सभी देशों को मिलकर जवाब देना चाहिए.

हिरासत में दोनों चीनी नागरिक

दोनों चीनी नागरिक इस समय यूक्रेन की सुरक्षा सेवा की हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ चल रही है. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी किसी बड़ी रणनीतिक साझेदारी की ओर इशारा कर सकती है, जिसमें रूस को चीन समेत अन्य देशों से अप्रत्यक्ष सैन्य मदद मिल रही है.

चीन की प्रक्रिया पर टिकी नजरें

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब पहले से ही पश्चिमी देश रूस और चीन के बढ़ते संबंधों को लेकर चिंतित हैं. यदि इस तरह की और घटनाएं सामने आती हैं, तो यह स्थिति वैश्विक शांति के लिए और गंभीर हो सकती है. चीन ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें बीजिंग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं.

इस पूरी घटना ने एक बार फिर दुनिया को चेताया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब केवल दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं रह गई है. इसमें धीरे-धीरे दूसरे देशों की प्रत्यक्ष या परोक्ष भागीदारी बढ़ रही है, जो भविष्य में एक बड़े वैश्विक संघर्ष की आहट बन सकती है. जेलेंस्की का यह बयान कि यह युद्ध को खींचने की रणनीति है, अब वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है.

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