
चीन में अमेरिकी अधिकारियों को मिलेगी रोमांटिक रिश्तों की सजा
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, तकनीकी प्रतिस्पर्धा और भू-राजनीतिक तनाव दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. जहां एक ओर दोनों देशों के बीच टैरिफ और अन्य मुद्दों पर विवाद जारी है, वहीं हाल ही में एक नया विवाद सामने आया है.
अमेरिकी सरकार ने अपने अधिकारियों के लिए चीन में किसी भी रोमांटिक या यौन संबंध पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. यह कदम अमेरिका और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच उठाया गया है, और इसे अमेरिकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
जासूसी का डर या कूटनीतिक सख्ती?
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की सरकारी एजेंसियां अक्सर आम नागरिकों पर दबाव डालकर उनसे खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश करती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की खुफिया एजेंसी (MSS) अमेरिकी राजनयिकों को फंसाने के लिए ‘हनी ट्रैप’ रणनीति का इस्तेमाल कर सकती है. अमेरिकी अधिकारियों को चीन में तैनाती से पहले ऐसे मामलों से सतर्क रहने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है. ऐसे में, अमेरिकी सरकार ने यह कदम उठाकर अपने अधिकारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है.
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क्या है नया नियम?
अमेरिकी सरकार के नए आदेश के अनुसार, चीन में काम कर रहे अमेरिकी सरकारी कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और संविदा कर्मी जिनके पास सुरक्षा मंजूरी है अब किसी भी चीनी नागरिक से रोमांटिक या यौन संबंध नहीं बना सकते. इस नियम को जनवरी में अमेरिका के तत्कालीन राजदूत निकोलस बर्न्स ने लागू किया था, जो उनकी विदाई से ठीक पहले लिया गया फैसला था.
पहले से थे सख्त नियम, अब और बढ़ी पाबंदी
अमेरिकी एजेंसियों के लिए पहले से ही चीन में रिश्तों को लेकर कड़े नियम थे, लेकिन इस तरह की ‘नॉन-फ्रैटरनाइज़ेशन’ नीति को सार्वजनिक रूप से लागू करने का यह पहला मामला है. इससे पहले, बीते साल अमेरिकी दूतावास और पांच वाणिज्य दूतावासों में काम करने वाले चीनी गार्डों और अन्य स्टाफ से रोमांटिक या यौन संबंधों पर रोक लगाई गई थी. लेकिन अब इसे बढ़ाकर सभी चीनी नागरिकों तक सीमित कर दिया गया है.
नियम तोड़ा तो क्या होगा?
अगर कोई अमेरिकी अधिकारी किसी चीनी नागरिक के साथ रिश्ते में है, तो उसे छूट के लिए आवेदन करना होगा. अगर आवेदन खारिज कर दिया गया, तो या तो उसे अपना रिश्ता खत्म करना होगा या फिर नौकरी छोड़नी होगी. नियम का उल्लंघन करने वालों को तुरंत चीन छोड़ने के लिए कहा जाएगा.
कोल्ड वॉर की याद दिलाती सख्ती
यह फैसला शीत युद्ध (Cold War) के दौर की याद दिलाता है, जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच जासूसी का डर चरम पर था। 1987 में, एक अमेरिकी मरीन के सोवियत जासूस के जाल में फंसने के बाद, अमेरिका ने अपने कर्मियों को सोवियत ब्लॉक और चीन में स्थानीय नागरिकों से दोस्ती या संबंध बनाने से रोक दिया था.