
शोशाना चैटफील्ड और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप
अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ही कई कड़े फैसले ले रहे हैं. इसके साथ ही वे सैन्य अधिकारियों में भी लगातार बदलाव कर रहे हैं. ट्रंप ने पिछले तीन महीनों में 9 से ज्यादा सेना के सीनियर अधिकारियों को पद से हटाया है. इस बीच और एक बड़ा फैसला लेते हुए ट्रंंप एडमिनिस्ट्रेशन ने नाटो में तैनात यूएस एडमिरल शोशाना चैटफील्ड को हटा दिया है. हालांकि ट्रंप के इस फैसले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.
शोशाना साल 2023 से नाटो में अमेरिका की सैन्य प्रतिनिधि थीं और वे नेवल वॉर कॉलेज की पहली महिला प्रमुख रह चुकी हैं. चैटफील्ड की जगह अब ब्रिगेडियर जनरल शॉन फ्लिन को टेम्परेरी जिम्मेदारी दी गई है. इस नए बदलाव को लेकर फिलहाल किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई. इस फेसले के बाद ट्रंप सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं.
अधिकारियों के अनुसार, चैटफील्ड को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के कार्यवाहक अध्यक्ष एडमिरल क्रिस्टोफर ग्रेडी का फोन आया और उन्हें बताया गया कि प्रशासन नौकरी के साथ एक अलग दिशा में जाना चाहता है, इसके बाद ही उन्हें पद से हटा दिया गया. हालांकि, कहा जा रहा है कि यह फैसला उनकी टिप्पणियों के चलते किया गया है.
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ट्रंप के शासन में आने के कई अधिकारियों की छुट्टी
अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि यह निर्णय पिछले हफ्ते रक्षा सचिव पीट हेगसेथ की तरफ से लिया गया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि उन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस बारे में कोई निर्देश मिला था या नहीं, ट्रम्प के पदभार संभालने के बाद से चैटफील्ड बर्खास्त होने वाली तीसरी सीनियर महिला अधिकारी हैं. इसके अलावा ट्रंप ने पिछले तीन महीनों में 9 से ज्यादा सेना के सीनियर अधिकारियों को पद से हटाया है.
कौन हैं शोशाना चैटफील्ड?
शोशाना चैटफील्ड मूलरूप से गार्डन ग्रोव, कैलिफोर्निया की रहने वाली हैं. जो शोशाना 2023 से नाटो में अमेरिका की सैन्य प्रतिनिधि थीं और नेवल वॉर कॉलेज की पहली महिला प्रमुख रह चुकी हैं. इसके अलावा चैटफील्ड नौसेना में पायलट की भूमिका में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने बोस्टन विश्वविद्यालय, हार्वर्ड और सैन डिएगो यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. वह नाटो की शीर्ष सैन्य समिति में काम करने वाली एकमात्र महिला हैं.

शोशाना चैटफील्ड
शोशाना को साल 2015 में कथित तौर पर रूढ़िवादी अमेरिकी जवाबदेही फाउंडेशन की तरफ से निशाना बनाया गया था. जिसने लिंक्डइन पोस्ट में 2015 के महिला समानता दिवस कार्यक्रम और विविधता शिखर सम्मेलन के लिए उनके समर्थन का हवाला देते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी.