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द्वितीय विश्व युद्ध में जिस देश ने मचाया था कोहराम, अब उसने पुतिन के खिलाफ ले ली ये कसम

द्वितीय विश्व युद्ध में जिस देश ने मचाया था कोहराम, अब उसने पुतिन के खिलाफ ले ली ये कसम

जर्मनी ने पुतिन के खिलाफ ले ली ये कसम

जर्मनी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध में यूरोप में तबाही का बड़ा कारण बना था, अब एक बार फिर से जंग की तैयारी में जुट गया है. रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बाद जर्मनी ने साफ कहा है कि अब वक्त आ गया है कि वो अपनी सेना को मज़बूत बनाए.

जर्मन सेना बुंडेसवेहर के चीफ जनरल कार्स्टन ब्रॉययर ने हाल ही में BBC से बातचीत में कहा है कि हमें रूस से खतरा है. पुतिन से खतरा है. हमें जल्द से जल्द तैयार हो जाना चाहिए.

2022 से बदला जर्मनी का रुख

जनरल ब्रॉययर ने ये भी कहा कि नाटो (NATO) को रूस के किसी भी हमले का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जर्मनी की सोच में बड़ा बदलाव आया है. पहले जहां जर्मनी सैन्य ताकत को लेकर पीछे रहता था, अब वही देश अपनी फौज को ताकतवर बनाने के लिए भारी निवेश कर रहा है. जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने 2022 में एलान किया था कि जर्मनी अपनी सेना को मज़बूत बनाने के लिए 100 बिलियन यूरो खर्च करेगा.

जर्मनी सेना में अभी भी बहुत कमियां

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मन सेना में अभी भी बड़ी खामियां हैं. गोला-बारूद की कमी, सैनिकों की कम संख्या और बुनियादी ढांचे की कमजोर हालत. इन सबको सुधारने के लिए 67 बिलियन यूरो की ज़रूरत बताई गई है.

सरकार ने सेना के लिए बजट बढ़ाने के रास्ते खोल दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद देश के अंदर सैन्य खर्च को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है. कुछ लोग इसे ज़रूरी मानते हैं, जबकि कुछ अभी भी इससे सहमत नहीं हैं.

1 लाख नए सैनिकों की ज़रूरत

जनरल ब्रॉययर का कहना है कि नाटो की पूर्वी सीमा को सुरक्षित रखने के लिए जर्मनी को कम से कम 1 लाख नए सैनिकों की ज़रूरत है. एक ताज़ा सर्वे में 79% जर्मन नागरिकों ने पुतिन को यूरोप की शांति के लिए बड़ा खतरा बताया है. इससे साफ है कि अब आम लोग भी खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं. जनरल ब्रॉययर ने अंत में चेताया कि जर्मनी को जल्दी कदम उठाने होंगे, क्योंकि भविष्य में खतरा सिर्फ रूस से नहीं, अमेरिका से भी हो सकता है.

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