
गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण अंतिम चरण में है। इसमें आ रही चुनौती जल्दी दूर हो जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने पत्र लिखकर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को महत्वपूर्ण पांच मुद्दों से अवगत कराया।
इसमें कहा गया है कि संबंधित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाए। द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण एक एक्सेस नियंत्रित शहरी एक्सप्रेसवे के रूप में हुआ है, एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया।
द्वारका एक्सप्रेसवे मास्टर प्लान
मास्टर प्लान के अनुसार, द्वारका एक्सप्रेसवे पर केवल विशेष स्थानों पर प्रवेश और निकास होगा। उन्हें बताया गया कि जीएमडीए द्वारका एक्सप्रेसवे तक स्थानीय यातायात को पहुंचाने के लिए सेक्टर रोड को एक्सप्रेसवे से जोड़कर हरित बेल्ट से सटाना होगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्थानीय यातायात अनधिकृत तरीके से प्रवेश कर रहे हैं, जो सड़क सुरक्षा को खतरा है, क्योंकि जीएमडीए सेक्टर रोड के निर्माण में देरी कर रहा है। जीएमडीए और जिला प्रशासन से कई बार अनुरोध करने के बावजूद अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई
चेयरमैन ने पत्र में बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे और आसपास के क्षेत्रों को जलभराव से बचाने के लिए जीएमडीए को एनपीआर पर बसई आरओबी सेक्शन से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक सेक्टर ड्रेन बनाना होगा।
NHAI ने जीएमडीए से कई बार उपाय करने को कहा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हरियाणा सरकार ने सीपीआर के साथ 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर मास्टर स्टॉर्म वॉटर ड्रेन का निर्माण पूरा किया।