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देखती रह गई बांग्लादेश की सरकार… शेख हसीना के ‘लड़ाकों’ ने यूनुस के घर में बोल दिया हल्ला

देखती रह गई बांग्लादेश की सरकार... शेख हसीना के 'लड़ाकों' ने यूनुस के घर में बोल दिया हल्ला

शेख हसीना के ‘लड़ाकों’ ने यूनुस के घर में बोल दिया हल्ला.

बांग्लादेश की राजनीति का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. हालांकि यूनुस को जब अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया था, तो लगा शायद अब इस देश की आवाम अमन और चैन के साथ रहेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. यूनुस के आने के बाद भी यहां के हालात जस के तस ही बने हैं. यही कराण है कि यूनुस जिन छात्र नेताओं की बदौलत इस कुर्सी पर बैठे थें, वो छात्र नेता अंतरिम सरकार से खुद को अलग कर नई पार्टी बनाने का ऐलान कर रहे हैं. सब कुछ यहीं नहीं रुकता. इसके बाद उन्हीं छात्र नेताओं को उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं करने दिया जाता. मानो जानबूझकर लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा हो.

हाल ही में फिर एक घटना हुई. ये घटना कोई आम नहीं थी, बल्कि वैसी ही थी जैसा कुछ रोज पहले शेख हसीना के साथ हुआ था. इस बार बस किरदार बदल गए. शेख हसीना की जगह मो. यूनुस का घर था और इस बार प्रदर्शन करने वाले पूर्व पीएम के विरोधी नहीं बल्कि समर्थक थें. यानी शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ता थें. ये सब बांग्लादेश की पूरी सरकार सिर्फ एक तामाशबीन बनकर देखती रही. शेख हसीना के कार्यकर्ता अचानक सड़कों पर उतरकर मौजूदा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करने लगे. यह प्रदर्शन न सिर्फ राजनीतिक रंग में रंगा था, बल्कि इस दौरान कई इलाकों में तीखी नारेबाजी और गहमा-गहमी भी देखी गई.

यूनुस के घर के सामने भी हुई नारेबाजी

खास बात यह रही कि यह मार्च नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के घर के सामने से भी गुजरा, जिसे जानबूझकर किया गया. ये एक तरह का मैसेज माना जा रहा है. इस प्रदर्शन की अगुवाई ढाका-11 संसदीय क्षेत्र और ढाका नॉर्थ सिटी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने की. स्थानीय नेताओं और पार्टी से जुड़े सहयोगी संगठनों ने मिलकर इस मार्च को अंजाम दिया. इसमें बड्डा, भातार और रामपुरा जैसे इलाकों के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस आयोजन का नेतृत्व अवामी लीग के संगठक सचिव मजहर अनाम ने किया, जो खुद भी जमीनी राजनीति के पुराने खिलाड़ी माने जाते हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस मार्च का वीडियो छात्र लीग के पूर्व महासचिव गोलाम रब्बानी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा किया, जो अब प्रतिबंधित संगठन का हिस्सा रह चुके हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि कार्यकर्ता बेहद तेजी से चलते हुए जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं और यह मार्च ढाका के मुख्य मार्गों से होते हुए यूनुस के आवास की ओर बढ़ रहा है. इससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या यह मार्च यूनुस को चेतावनी देने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था?

अवामी लीग ने दिखाई राजनीतिक ताकत

यह पहली बार नहीं है जब अवामी लीग ने इस तरह का प्रदर्शन किया हो. इससे पहले 6 अप्रैल को भी पार्टी ने बैतुल मुकर्रम से बंगबंधु एवेन्यू तक एक तेज रफ्तार मार्च निकाला था, जिसका नेतृत्व ढाका साउथ सिटी अवामी लीग के पूर्व महासचिव शाह आलम मुराद ने किया था. लगातार हो रहे इन प्रदर्शनों से यह साफ है कि अवामी लीग अब जनता के बीच अपनी ताकत दिखाकर विपक्षी दलों पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.

हसीना के लड़ाकों ने दिया राजनीतिक संदेश

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूनुस के घर के सामने से इस तरह का प्रदर्शन करना एक राजनीतिक संदेश है, जो न सिर्फ विरोधियों को डराने की कोशिश है बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चेतावनी देने जैसा है. बांग्लादेश की सरकार ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विपक्षी हलकों में इसकी आलोचना तेज हो गई है. इन घटनाओं के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि देश की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है.

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