
दुनिया के मुसलमान कब मनाएंगे ईद, सऊदी का ये शख्स करता है ऐलान.
रमजान के बाद चांद के दीदार पर टिकी ईद-उल-फितर की तारीख का ऐलान आखिरकार हो गया है. सऊदी अरब के सुप्रीम कोर्ट ने घोषणा की है कि शनिवार को सुदैर और तामिर वेदशालाओं में ईद का चांद देखा गया, जिसके बाद 30 मार्च 2025, रविवार को सऊदी में ईद मनाई जाएगी. यह फैसला चांद देखने की पारंपरिक प्रक्रिया के तहत लिया गया. हालांकि, ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर ये फैसला लेता कौन है?
दरअसल, इस फैसले में विशेषज्ञ और धार्मिक विद्वान शामिल होते हैं. ये एक खास तरह की समिति होती है. जिसे “चांद देखने वाली समिति” (Moon Sighting Committee) कहते हैं. इसमें इस्लामी विद्वान, जज, और कभी-कभी ऐस्ट्रोनॉमी के जानकार शामिल होते हैं. यह समिति पूरे देश से चांद देखे जाने की खबरें इकट्ठा करती है. लोग अगर चांद देखते हैं, तो इसकी पुष्टि समिति के सामने करते हैं.
ऐस्ट्रोनॉमर अब्दुल्ला अल-खुदैरी
हालांकि, जो इस समिति का प्रमुख होता है वही जज को बताता है कि ईद कब मनाई जाएगी. इसके बाद कोर्ट ऐलान करती है. इस बार भी सुदैर वेदशाला के प्रमुख ऐस्ट्रोनॉमर अब्दुल्ला अल-खुदैरी रहे, तो जाहिर है इनके तारीख बताने के बाद ही ईद मनाने का ऐलान होगा. वैसे इन्होंने पहले ही अनुमान लगाया था कि सूर्यास्त के आठ मिनट बाद चांद दिखाई देने की संभावना है. शनिवार शाम 6.12 बजे (सऊदी समय) सूर्यास्त के बाद विशेषज्ञों ने चांद देखने की पुष्टि की.
सऊदी शाही दरबार का ऐलान
इसके तुरंत बाद सऊदी शाही दरबार ने आधिकारिक रूप से ईद-उल-फित्र की तारीख का ऐलान किया. इस घोषणा के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर ने भी पुष्टि की कि वे भी 30 मार्च को ईद मनाएंगे. सऊदी अरब में चांद देखने की प्रक्रिया को अत्यधिक महत्व दिया जाता है. यह एक परंपरा है जो पैगंबर मोहम्मद के समय से चली आ रही है.
हर साल रमजान के समापन पर सऊदी अरब के रेगिस्तान में ऐस्ट्रोनॉमर और इस्लामिक विद्वान चांद देखने की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं. यह कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि दुनिया के कई मुस्लिम देशों की ईद की तारीख भी इसी घोषणा पर निर्भर करती है.
सऊदी सुप्रीम कोर्ट की अपील
सऊदी सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही लोगों से अपील की थी कि यदि वे चांद देखें तो इसकी सूचना नजदीकी अदालत में दर्ज कराएं. इस्लामी कैलेंडर में महीने आमतौर पर 29 या 30 दिनों के होते हैं, और ईद का निर्धारण इसी आधार पर किया जाता है. इस साल रमजान 1 मार्च से शुरू हुआ था, और इस घोषणा के साथ ही यह तय हो गया कि शवाल माह 30 मार्च से शुरू होगा.
हर साल ऐसी देखा जाता है चांद
हर साल की तरह इस बार भी चांद देखने की प्रक्रिया में वैज्ञानिक उपकरणों और खगोल विज्ञान का सहारा लिया गया. हालांकि, पारंपरिक दृष्टिकोण को भी समान रूप से मान्यता दी गई. कई मुस्लिम देशों में चांद देखने की स्थानीय समितियां भी बनाई जाती हैं, लेकिन सऊदी अरब की घोषणा का व्यापक प्रभाव रहता है. कई देशों के मुसलमान सऊदी की घोषणा के अनुसार ईद मनाते हैं.
अब जब ईद की तारीख तय हो चुकी है, तो दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय ने तैयारियां तेज कर दी हैं. बाजारों में रौनक बढ़ गई है और मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज की तैयारियां शुरू हो गई हैं. यह त्यौहार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भाईचारे और खुशी का संदेश भी देता है.