
बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार की अमेरिकी से करीबी किसी से छिपी नहीं है. अमेरिका लंबे समय से चीन और भारत के पास अपनी मौजूदगी बनाने की कोशिश कर रहा है. कुछ खबरों से पता चलता है कि अमेरिका म्यांमार में फैली हिंसा में भी शामिल है. शेख हसीना के रहते हुए अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर पाया, लेकिन अब उसके लिए ये काम यूनुस सरकार करने जा रही है.
बांग्लादेशी सेना की कम से कम तीन डिवीजनें, राखीन राज्य और उसके बाहर म्यांमार सैन्य शासन से निपटने के लिए अमेरिका की व्यापक योजना के तहत, अराकान आर्मी और चिन नेशनल फ्रंट (CNF) सहित बलों के गठबंधन को आपूर्ति, रसद और अन्य सामरिक सहायता प्रदान करने में शामिल होंगी. यानी अब बांग्लेदश सेना अमेरिका की प्राक्सी की मदद करने के अमरीकी सेना का बोरिया-बिस्तर उठाएगी.
सैन्य ऑपरेशन से रहेगा दूर
नॉर्थईस्ट न्यूज ने शीर्ष बांग्लादेशी सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि 10वीं, 17वीं और 24वीं डिवीजनों को संभवतः योजना के हिस्से के रूप में तैनात किया जाएगा, लेकिन ये यूनिट कोई सैन्य भूमिका नहीं निभाएंगी और सिर्फ रखाइन राज्य में विद्रोही बलों के गठबंधन को रसद और आपूर्ति सहायता प्रदान करेंगी.
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सैन्य-लॉजिस्टिक्स के नजरिए से बांग्लादेश सेना ने पहले ही टेकनाफ के निकट एक विशाल सुविधा का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जहां से आपूर्ति और अन्य सामग्री भेजने की योजना है, जिसका इस्तेमाल गठबंधन सेनाएं म्यांमार सैन्य जुंटा के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्राक्सी वार के लिए करेंगी, बता दें कि ये विद्रोही सेनाएं अब रखाइन राज्य के केवल तीन कस्बों तक ही रह गई हैं.
तुर्की भी है शामिल
कॉक्स बाजार हवाई अड्डे का विस्तार अपने आखिरी दौर में है और जैसा कि बांग्लादेशी सुरक्षा सूत्रों ने बताया है, इसे तुर्की के मानवरहित हवाई वाहनों के संचालन के लिए ड्रोन बेस के रूप में विकसित किया जाएगा, जो रखाइन राज्य में आसन्न संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.