
6 दिसंबर को पंजाब के किसान दिल्ली कूच की योजना बना रहे हैं, लेकिन इस मार्च में हरियाणा के किसान संगठनों ने शामिल होने से इनकार कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान सभा ने खुद को इस प्रदर्शन से अलग कर लिया है।
हरियाणा के किसान संगठनों की प्रतिक्रिया
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, “हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया और न ही किसी सलाह-मशविरा की कोशिश हुई। इसलिए इस मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन उनकी ओर से किसी भी हस्तक्षेप के बिना होगा।
ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह ने भी कहा कि SKM इस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुरेश कोथ ने बयान दिया, “हम SKM के साथ जुड़े हैं, और इस मार्च में शामिल होने की हमारी कोई योजना नहीं है।”
दिल्ली कूच की तैयारी और उद्देश्य
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि किसान MSP पर कानूनी गारंटी और अन्य लंबित मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान 6 दिसंबर को शंभू और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
मार्च का मार्ग और योजना:
- किसानों का पहला जत्था शंभू बॉर्डर से रवाना होगा।
- जत्था अंबाला, खानपुर जट्टन, और पिपली में रुकते हुए दिल्ली पहुंचेगा।
- किसान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मार्च करेंगे और रात सड़क पर गुजारेंगे।
नेता जो मार्च में भाग लेंगे
मार्च का नेतृत्व किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल, और बलजिंदर सिंह करेंगे। ये जत्था शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली पहुंचेगा।
किसानों की मुख्य मांगें
- MSP पर कानूनी गारंटी।
- किसानों के मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ संवाद।
हालांकि प्रदर्शन का उद्देश्य किसानों की मांगों को सरकार तक पहुंचाना है, लेकिन हरियाणा के बड़े किसान संगठनों की गैर-भागीदारी इस आंदोलन की धार पर सवाल खड़े कर रही है।