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तुर्की में मिली नेतन्याहू की खुफिया एजेंसी की जड़ें! पूरे परिवार को मिली जासूसी करने की इतनी खौफनाक सजा

तुर्की में मिली नेतन्याहू की खुफिया एजेंसी की जड़ें! पूरे परिवार को मिली जासूसी करने की इतनी खौफनाक सजा

तुर्की में मिली मोसाद की जड़ें!

तुर्की इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करना एक पारिवार को भारी पड़ गया. जासूसी करने के आरोप में उन सभी को भारी भरकम सजा सुनाई गई है. यह मामला न केवल तुर्की की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे विदेशी एजेंसियां किसी देश की आंतरिक सुरक्षा में दखल देती हैं. इस्तांबुल की एक अदालत ने जासूसी के इस केस में कुल मिलाकर सभी को 100 साल की सजा सुनाई है.

यह मामला अप्रैल 2023 का है, जब तुर्किये की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी MIT ने एक बड़ी कार्रवाई कर कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान पता चला कि ये लोग इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम कर रहे थे. ये संदिग्ध न केवल मोसाद एजेंटों के संपर्क में थे, बल्कि उन्होंने कई अहम जानकारियां भी साझा की थीं.

इंश्योरेंस कंपनी के मालिक का कारनामा

इस केस में सबसे बड़ा नाम सामने आया अहमत एर्सिन तुमलुकाली का, जो एक इंश्योरेंस कंपनी का मालिक है. उसे जासूसी नेटवर्क का मुखिया बताया गया. कोर्ट ने उसे 22 साल 6 महीने की सजा सुनाई, जिसे “अच्छे व्यवहार” के आधार पर घटाकर 18 साल 9 महीने कर दिया गया. वहीं उसकी पत्नी बेनान तुमलुकाली को 16 साल 8 महीने और बेटी डिला सुल्तान शिमशेक को 15 साल 7 महीने 15 दिन की सजा सुनाई गई.

हेवी पीनल कोर्ट ने सुनाई सजा

अदालत ने इस परिवार के तीन और सहयोगियों को भी समान सजा दी. सभी को विदेशी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने, राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने और गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने जैसे गंभीर आरोपों के तहत दोषी पाया गया. यह सजा इस्तांबुल की 23वीं हेवी पीनल कोर्ट ने सुनाई.

मोसाद यूनिट के लिए कर रहे थे काम

प्रोसिक्यूटर्स ने अपनी चार्जशीट में बताया कि ये आरोपी “ऑनलाइन ऑपरेशन्स” संभालने वाले मोसाद यूनिट के लिए काम कर रहे थे. इनका मुख्य काम फोटो सर्विलांस करना, लक्ष्यों पर नजर रखना और तुर्किये के भीतर या बाहर गोपनीय सूचनाएं जुटाना था. कुछ सूचनाएं उन विदेशी नागरिकों से जुड़ी थीं, जो युद्ध और संघर्ष के कारण तुर्किये में शरण लिए हुए थे.

मोसाद के लिए बड़ा झटका

इस कार्रवाई को तुर्किये में मोसाद के नेटवर्क पर एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. इससे पहले भी तुर्किये कई बार मोसाद से जुड़ी गतिविधियों को उजागर कर चुका है. ताजा मामला दर्शाता है कि तुर्किये अब अपनी सुरक्षा के मसले पर कोई ढील नहीं देना चाहता और देश में विदेशी खुफिया नेटवर्क के खिलाफ सख्त रवैया अपना रहा है.

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