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ट्रंप-मस्क के खिलाफ अमेरिका में प्रदर्शन, ‘हैंड्स ऑफ’ रैलियां निकलीं, जानें सड़क पर क्यों उतरे हजारों लोग

ट्रंप-मस्क के खिलाफ अमेरिका में प्रदर्शन, 'हैंड्स ऑफ' रैलियां निकलीं, जानें सड़क पर क्यों उतरे हजारों लोग

अमेरिका में प्रदर्शन.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ शनिवार को देशभर में रैलियां निकाली गईं. इन रैलियों का मकसद टैरिफ, कर्मचारियों की छंटनी, अर्थव्यवस्था, मानवाधिकार और अन्य मुद्दों पर ट्रंप सरकार की नीतियों का विरोध करना था. सभी 50 राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको में भी प्रदर्शन आयोजित किए गए.

दरअसल टैरिफ सहित ट्रंप की नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. हजारों प्रदर्शनकारी ने टैरिफ सहित कई कार्यकारी आदेशों के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए अमेरिका भर में इकट्ठा हुए.

कनाडा और मैक्सिको में भी प्रदर्शन

सभी 50 राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको में भी प्रदर्शन आयोजित किए गए. आयोजकों के अनुसार, लगभग 150 कार्यकर्ता समूहों ने विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया, जिसमें वाशिंगटन डीसी और राष्ट्रपति के फ्लोरिडा निवास के पास महत्वपूर्ण संख्या में लोग शामिल हुए. ‘हैंड्स ऑफ’ का नारा लगाते हुए भीड़ ट्रंप और सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) के निदेशक एलन मस्क के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है.

‘हैंड्स ऑफ’ का मतलब होता है- ‘हमारे अधिकारों से दूर रहो’. इस नारे का मकसद यह जताना है कि प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि उनके अधिकारों पर किसी का नियंत्रण हो. ट्रम्प प्रशासन और DOGE के आलोचकों ने बजट कटौती और कर्मचारी बर्खास्तगी के माध्यम से संघीय सरकार के आकार को कम करने के प्रयासों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए हैं.

1,200 से अधिक प्रदर्शन आयोजित

150 से ज्यादा समूहों ने 1,200 से अधिक प्रदर्शन आयोजित किए. इन प्रदर्शन का नाम ‘हैंड्स ऑफ’ रखा गया था. इनमें नागरिक अधिकार संगठनों, श्रमिक संघों, एलजीबीटीक्यू+ समर्थकों, पूर्व सैनिकों और चुनाव कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध जताया. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मैं महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित हूं. आज, मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि यह हमारा महासागर और हमारा नमक है. जहां तक वर्ल्ड कॉमर्स और वर्ल्ड एक्सचेंज का सवाल है, हमारे पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है.

अपराधियों के रूप में जाने जाएंगे ट्रंप

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, मैं लगभग दो साल से कोलकाता में रह रहा हूं और यह वह शहर है, जहां देवी काली निवास करती है. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन स्मारक पर हम सभी लोग आज कह रहे हैं कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप इतिहास में अपराधियों के रूप में जाने जाएंगे. इन लोगों को सत्ता में बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

कठपुतली हैं राष्ट्रपति ट्रंप

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का समर्थन करने के लिए यहां हूं जो अपनी नौकरी, स्वास्थ्य बीमा, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा, आवास, भोजन के लिए लड़ रहे हैं. लोग पैसे न होने के कारण पीड़ित हैं. कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति ट्रंप कठपुतली हैं और टैरिफ हमारे देश को नष्ट करने का एक जरिया. हम सभी यहां इसलिए हैं क्योंकि हम टैरिफ और देश में चल रही मंदी के कारण बहुत परेशान हैं.

ट्रंप का लक्ष्य तानाशाह बनना

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि ट्रंप द्वारा घोषित अत्यधिक टैरिफ अमेरिकियों और दुनिया भर के लोगों के लिए यह समझने की चेतावनी है कि वह एक विनाशकारी शक्ति हैं, उनका लक्ष्य एक तानाशाह बनना है, उनकी नीतियां अमेरिकियों के लिए अच्छी नहीं हैं, वे हमारे सहयोगियों, व्यापारिक साझेदारों और भारत जैसे बड़े लोकतंत्रों सहित विकासशील दुनिया के लोगों के लिए अच्छी नहीं हैं.

हमें उनके साथ साझेदार के रूप में काम करना चाहिए और ऐसे टैरिफ नहीं लगाने चाहिए जो अमेरिकियों को गरीब बना दें और भारत के लोगों को भी गरीब बना दें. मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप से संपर्क करेंगे और उन्हें समझाएंगे कि ये टैरिफ अमेरिकियों और भारत और दुनिया के लोगों के लिए बुरे हैं.

दुनिया भर के देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा

यह प्रदर्शन राष्ट्रपति ट्रंप के इस हफ्के की शुरुआत में व्यापार टैरिफ के ऐलान के बाद हो रहे हैं, जिसने वैश्विक वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक साझेदारों की चिंता को बढ़ा दिया. ट्रंप ने 2 अप्रैल को दुनिया भर के देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने की घोषणा की. फरवरी में, दूसरी बार कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, ट्रंप ने एक नई व्यापार नीति की रूपरेखा तैयार की और कहा कि अमेरिका टैरिफ लागू करेगा, और अन्य देशों पर वही टैरिफ लगाएगा जो वे अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं.

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