BREAKING

जमीन में दबा हुआ सोना ढूंढ रहे लोगों को अंदर से सुनाई दी खट खट की आवाज, मिला ऐसा खजाना की खुशी से नाचने लगे लोग

people-searching-buried-gold-in-ground

गुजरात के कच्छ क्षेत्र में स्थित लोद्रानी गांव हाल ही में एक अनोखी खोज के लिए चर्चा में आया। इस गांव के निवासियों को विश्वास था कि उनके गांव के नीचे एक विशाल सोने का भंडार (Gold Treasure) छिपा हुआ है। इस आस में कुछ लोगों ने खुदाई (Excavation) शुरू की और उन्हें जमीन के नीचे से कुछ अजीब आवाजें सुनाई दीं। मिट्टी हटाने पर उन्हें एक असाधारण खजाना मिला, जिसे देख वे खुशी से झूम उठे।

इतिहास की शुरुआत

मीडिया (Times of India) की एक रिपोर्ट के अनुसार इस खोज के पीछे की मेहनत वर्षों पुरानी थी। लगभग पांच वर्षों तक लोग विभिन्न स्थानों पर खुदाई कर चुके थे। हालांकि, उन्हें सोना तो नहीं मिला, लेकिन जो मिला वह भी किसी खजाने से कम नहीं था। उन्हें गांव के नीचे कुछ प्राचीन निर्माण (Ancient Constructions) मिले, जिन्हें पुरातत्वविदों (Archaeologists) ने हड़प्पा-युग (Indus Valley Civilization) की एक किलेबंद बस्ती बताया।

धोलावीरा से सम्बंधित नई खोज

ऑक्सफोर्ड स्कूल ऑफ आर्कियोलॉजी (Oxford School of Archaeology) के प्रोफेसर डेमियन रॉबिन्सन के साथ काम करने वाले शोधार्थी अजय यादव इस खोज के अग्रणी थे। उन्होंने बताया कि इस नई साइट का वास्तुशिल्प (Architectural Details) विवरण धोलावीरा से काफी मिलता-जुलता है।

मिथक और वास्तविकता का मेल

लोगों का मानना था कि यहां एक मध्ययुगीन किला (Medieval Fort) और खजाना छिपा है, लेकिन खोज के बाद जो सामने आया वह एक हड़प्पा बस्ती (Harappan Settlement) थी, जहां लगभग 4,500 साल पहले जीवन विकसित हो रहा था।

नई पहचान की खोज

इस खोज से पहले, इस स्थान को बस एक पत्थर-मलबे की बस्ती समझा जाता था। जनवरी में, इसे औपचारिक रूप से मोरोधारो (Morodharo) के नाम से पहचान मिली, जिसका अर्थ है कम नमकीन और पीने योग्य पानी। यहां बड़ी मात्रा में हड़प्पन काल के मिट्टी के बर्तन (Pottery) मिले, जो धोलावीरा में भी पाए गए थे। यह बस्ती हड़प्पाकालीन से लेकर देर से तक परिपक्व दिखती है। पुरातत्वविदों का कहना है कि विस्तृत जांच और उत्खनन से और भी बहुत कुछ पता चलेगा।

Related Articles

Back to top button