
व्लादिमीर पुतिन और इटली की मेलोनी
यूरोप में उथल-पुथल के बीच जॉर्जिया मेलोनी की इटली में रूस का एक जासूसी ड्रोन देखा गया है. ड्रोन देखे जाने के बाद इटली की सरकार हरकत में आ गई है. सरकार के बड़े अधिकारियों ने आतंकवाद और जासूसी के मद्देनजर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इटली के मैगीगोर झील के किनारे स्थित इसप्रा शहर में स्थित यूरोपीय संयुक्त अनुसंधान केंद्र (जेआरसी) में एक वाणिज्यिक ड्रोन को उड़ते देखा गया. ड्रोन की जो तस्वीर ली गई है, उससे इसके रूस के होने के बारे में जानकारी मिली है.
इलाके में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा है
इटली में जिस जगह पर यह ड्रोन उड़ रहा था, वो परमाणु अनुसंधान से जुड़ा है. यहां ड्रोन के उड़ने पर पाबंदी है. यही वजह है कि ड्रोन के आसमान में देखने के बाद इटली के बड़े अधिकारियों की नींद उड़ गई.
इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो के मुताबिक संभावित सैन्य या औद्योगिक जासूसी के आरोप बहुत गंभीर हैं और यह उस पैटर्न से मेल खाता है, जिसकी उन्होंने पहले भी सूचना दी थी.
क्रोसटो का कहना है कि यह एक हाइब्रिड युद्ध चल रहा है. यह जितना छिपा हुआ है, उतना ही खतरनाक, निरंतर और दमघोंटू भी है. इसमें लक्षित साइबर हमलों का मिश्रण शामिल है. सैन्य और औद्योगिक प्रौद्योगिकियों और पेटेंटों की चोरी के साथ-साथ कई अन्य शत्रुतापूर्ण कार्य भी शामिल हैं.
इटली के रक्षा मंत्री ने तो ड्रोन के लिए रूस को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन नाटो ने जरूर कहा है कि यह हरकत रूस की है.
अमेरिका और यूरोप को लेकर कन्फ्यूज मेलोनी
अमेरिका, रूस और यूरोप को लेकर इटली की जॉर्जिया मेलोनी की सरकार कन्फ्यूज है. मेलोनी ने अमेरिका की तारीफ तो की है, लेकिन उन्होंने यूरोप के साथ रहने की बात कही है. दूसरी तरफ मेलोनी ने यूक्रेन में शांति सेना न भेजने का फैसला किया है, लेकिन रूस के हमले के विरोध में वे लगातार बोल रही हैं.
इटली वर्तमान में नाटो मेंबर है, जिसने द्वितीय विश्वयुद्ध के वक्त अमेरिका और रूस के खिलाफ मोर्चा खोला था.