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उधर टैरिफ में उलझा रहा अमेरिका, इधर ताइवान के साथ चीन ने कर दिया बड़ा ‘कांड’

उधर टैरिफ में उलझा रहा अमेरिका, इधर ताइवान के साथ चीन ने कर दिया बड़ा 'कांड'

शी जिनपिंग और ताइवान के राष्ट्रपति

अमेरिका और चीन की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है. दोनों सुपरपावर देश एक दूसरे के खिलाफ बढ़त हासिल करने का कोई भी मौका नहीं चूकते. अमेरिका जहां टैरिफ की लड़ाई में चीन को पछाड़ने में जुटा है. वहीं चीन ने प्रशांत महासागर में अपना दायरा बढ़ा लिया है.

न्यूज वीक के मुताबिक चीन धीरे-धीरे प्रशांत महासागर में सैन्य अड्डा बनाकर और जहाज को तैनात कर अपने क्षेत्र का विस्तार कर लिया है. चीन के इस कदम से अब अमेरिका ताइवान में आसनी से एंटर नहीं कर सकता है.

समंदर में 3000 किमी तक घेराबंदी

रिपोर्ट में कहा गया है कि पापुआ गिनी से लेकर समाओ तक चीन ने नागरिक विकास के नाम पर अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है. चीन ने अमेरिका की सीमा से 40 किमी दूर तक अपने लोगों को तैनात कर लिया है.

चीन के इस फैसले से अब प्रशांत महासागर में ताइवान और उसके आसपास अमेरिका का जहाज नहीं मंडरा सकता है. अगर अमेरिका जबरन घुसने की कोशिश करेगा तो युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

चीन ने ताइवान की सीमा पर बड़े-बड़े जहाज तैनात कर दिए हैं. इन जहाजों से जहां चीन आर्मी के हथियार आसानी से जमीन पर उतरेंगे. वहीं इन जहाजों का इस्तेमाल कर चीन की सेनी समंदर में आसानी से बैरिकेडिंग भी कर सकती है.

प्रशांत महासागर अहम क्यों?

इसे दुनिया का बड़ा महासागर माना जाता है. इसमें पूरी दुनिया का 50 फीसद जल है. प्रशांत महासागर अमेरिका को ऑस्ट्रेलिया और एशिया से अलग करता है. एशिया में भारत, ताइवान और जापान जैसे प्रमुख देश हैं, जिससे अमेरिका का बड़ा व्यापारिक संबंध है.

प्रशांत महासागर में अगर चीन की दखलअंदाजी बढ़ती तो अमेरिका को सीधे तौर पर इसका नुकसान होगा. दूसरी तरफ अमेरिका के बूते चीन को आंख दिखा रहे ताइवान के लिए यह एक झटका साबित होगा.

प्रशांत महासागर में घेराबंदी की वजह से न तो ताइवान को गुप्त सूचना मिल पाएगी और न ही अमेरिका से लेटेस्ट हथियार. ऐसी स्थिति में ताइवान बुरी तरीके से चीन से पीट सकता है.

टैरिफ को लेकर भी दोनों में जंग

अमेरिका ने चीन पर 124 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है. वहीं चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 125 प्रतिशत का टैरिफ अमेरिका पर लगाया है. टैरिफ जंग में ही चीन ने ताइवान की घेराबंदी कर दी. चीन की कोशिश है कि इस जंग में अमेरिका जब तक उलझा रहेगा, तब तक ताइवान की सीमा पर अपनी मोर्चेबंदी को मजबूत कर ली जाए.

अमेरिका ने हाल ही में चीन को चेतावनी भी दी थी, लेकिन चीन सीधे पर कुछ भी नहीं सुन रहा है. दूसरी तरफ ताइवान इस जंग में चीन से लड़ने के लिए सेना को अलर्ट पर रख रखा है. ताइवान का कहना है कि चीन के दबाव में हम नहीं झुकने वाले हैं.

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