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ईरान-चीन को चेतावनी, टैरिफ और… डोनाल्ड ट्रंप-नेतन्याहू के बीच क्या-क्या हुई बात

ईरान-चीन को चेतावनी, टैरिफ और... डोनाल्ड ट्रंप-नेतन्याहू के बीच क्या-क्या हुई बात

प्रधानमंत्री नेतन्याहू और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि अमेरिका ईरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम के बारे में सीधी बातचीत करेगा. साथ ही उन्होंने तेहरान को चेतावनी दी कि अगर बातचीत सफल नहीं हुई तो वह बहुत खतरे में पड़ जाएगा. इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रपति ने कहा कि बातचीत शनिवार से शुरू होगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि तेहरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते.

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हम उनसे सीधे निपट रहे हैं और शायद कोई सौदा हो जाए. उन्होंने कहा कि समझौता करना स्पष्ट रूप से किए जाने से बेहतर होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध होंगे, अगर उनके वार्ताकार तेहरान के साथ समझौता करने में असमर्थ होते हैं, तो ट्रंप ने जवाब दिया कि ईरान बहुत खतरे में पड़ने वाला है, और मुझे यह कहने में नफरत है.

ईरान के लिए बहुत बुरा दिन

ट्रंप ने कहा कि अगर बातचीत सफल नहीं होती है, तो मुझे लगता है कि यह ईरान के लिए बहुत बुरा दिन होगा. ट्रंप ने अपने पहले व्हाइट हाउस कार्यकाल के दौरान डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन द्वारा ईरान के साथ किए गए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था.

ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन

नेतन्याहू ने कहा कि वह ईरान के साथ समझौता करने के ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करते हैं, उन्होंने कहा कि इजराइल और अमेरिका का एक ही लक्ष्य है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ईरान परमाणु हथियार विकसित न करे. ईरान पर अपने आक्रामक विचारों और सैन्य दबाव के लिए अतीत में किए गए आह्वानों के लिए जाने जाने वाले इजराइली नेता ने कहा कि वह 2003 में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ लीबिया के समझौते की तर्ज पर एक कूटनीतिक समझौते का स्वागत करेंगे.

ईरान के पास परमाणु हथियार

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह अच्छी बात होगी. लेकिन जो भी हो, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ईरान के पास परमाणु हथियार न हों. ट्रंप ने कहा कि बातचीत लगभग उच्चतम स्तर पर होगी, लेकिन उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि बातचीत कहां होगी या वे संवेदनशील कूटनीति के लिए किसे भेज रहे हैं. नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस की जल्दबाजी में की गई यात्रा की, जो कि दो महीने से कुछ अधिक समय में उनकी दूसरी यात्रा थी. जिसमें ट्रंप द्वारा दुनिया भर के देशों पर लगाए गए टैरिफ, ईरान के परमाणु कार्यक्रम और इजराइल-हमास युद्ध पर चर्चा की गई.

2015 के ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को वापस लेने में, ट्रंप ने घोषणा की कि वे दुनिया को सुरक्षित बना रहे हैं, लेकिन उन्होंने विश्व मंच पर अपने अलगाव को और गहरा कर दिया और अमेरिकी विश्वसनीयता के बारे में संदेह को पुनर्जीवित कर दिया.

अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों को हटाया

इस समझौते में ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी और रूस भी शामिल थे, जिसने ईरान के खिलाफ अधिकांश अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों को हटा दिया था. ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि यह अलग होगा और शायद बहुत मजबूत होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ओबामा अधिकारियों द्वारा बातचीत की गई डील से नया डील कैसे अलग हो सकता है.

इजराइल की जांच को लेकर ICC पर प्रतिबंध

ट्रंप और नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने ईरान के साथ तनाव, इजराइल-तुर्की संबंधों और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के बारे में भी चर्चा की, जिसने पिछले साल इजराइली नेता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. ट्रंप ने फरवरी में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें इजराइल की जांच को लेकर ICC पर प्रतिबंध लगाए गए थे.

ट्रंप ने चीन को दी चेतावनी

टैरिफ पर बातचीत के लिए रोक के सवाल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं. कई देश हैं, जो हमारे साथ सौदे (डील) पर बातचीत करने वाले हैं और वे निष्पक्ष सौदे होने जा रहे हैं और कुछ मामलों में वे पर्याप्त टैरिफ का भुगतान करने जा रहे हैं. वे निष्पक्ष सौदे होंगे. चीन के बारे में, जैसा कि आप जानते हैं, उन्होंने हमारे द्वारा लगाए गए टैरिफ पर 34 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया. अगर यह टैरिफ अगले दिन 12 बजे तक हटाया नहीं गया, तो हम उस पर 50 फीसदी अधिक टैरिफ लगाएंगे. ट्रंप ने कहा कि व्हाइट हाउस में जो लोग थे, उनकी वजह से चीन अमीर देश बना.

ट्रंप ने आगे कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं. मुझे उम्मीद है कि यह ऐसे ही बने रहेंगे. मैं चीन का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन वह ऐसा नहीं करता है. इस मुद्दे पर हमें एक ही मौका मिलेगा और कोई भी अन्य राष्ट्रपति ऐसा नहीं करेगा, जो मैं कर रहा हूं. मैं आपको बता दूं कि ऐसा करना सम्मान की बात है, क्योंकि हम बर्बाद हुए हैं. उन्होंने हमारे सिस्टम के साथ जो किया है, आप जानते हैं. हमारे ऊपर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है, इसलिए हम चीन से बात करेंगे. हम बहुत से देशों से बातचीत करेंगे.

प्रधानमंत्री ने टैरिफ पर की चर्चा

नेतन्याहू से मुलाकात से पहले ट्रंप ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से बात की. तीनों नेता मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने और इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने के प्रयासों में प्रमुख मध्यस्थ रहे हैं. रविवार शाम को वाशिंगटन पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने टैरिफ पर चर्चा करने के लिए ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेम्सन ग्रीर से मुलाकात की.

अमेरिका के साथ व्यापार घाटे को खत्म करेंगे

नेतन्याहू ने राष्ट्रपति के साथ बैठक से पहले सोमवार को मिडिल ईस्ट में ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात की. टैरिफ पर नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने ट्रंप को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार अमेरिका के व्यापार घाटे को खत्म करने के लिए कदम उठाएगी. नेतन्याहू ने कहा कि हम अमेरिका के साथ व्यापार घाटे को खत्म करेंगे. हम इसे बहुत जल्दी करने का इरादा रखते हैं. अमेरिकी-इजराइल संबंधों के विशेषज्ञ एयटन गिल्बोआ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रंप इन टैरिफों का इस्तेमाल नेतन्याहू को रियायतें देने के लिए दबाव बनाने के रूप में करेंगे.से, जिससे लड़ाई रुक जाएगी और अधिक बंधकों को मुक्त किया जा सकेगा.

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