
ईरान और अमेरिका के बीच शनिवार से परमाणु मुद्दे और प्रतिबंध हटाने के लिए वार्ता शुरू हो गई है. डोनाल्ड ट्रंप ने इस वार्ता का ऐलान करते हुए कहा था कि हम ईरान के साथ प्रत्यक्ष वार्ता चाहते हैं और शनिवार को होने वाले वार्ता प्रत्यक्ष होगी, लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया है. ईरान के बयान से पता चला है कि ये वार्ता ईरान की शर्तों के हिसाब से ‘अप्रत्यक्ष’ हो रही है.
ईरान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अगले हफ्ते अमेरिका के साथ होने वाली वार्ता ओमानी मध्यस्थता के साथ ‘अप्रत्यक्ष’ रहेगी और सिर्फ परमाणु मुद्दे और प्रतिबंधों को हटाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. जिससे साफ हो गया है कि ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की बात नहीं मानी है और वार्ता अपने हिसाब से ही शुरू की है.
FM @Araghchi is concluding his visit to #Oman and heading back to Tehran after a round of indirect talks with the U.S. representative over sanctions-lifting/nuclear issue.
We thank Oman and FM @badralbusaidi for their excellent job in hosting and mediating these talks. Oman pic.twitter.com/P82zHkkckv
— Esmaeil Baqaei (@IRIMFA_SPOX) April 12, 2025
“अप्रत्यक्ष रूप से जारी रहेगी बातचीत”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाकेई ने सरकारी टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “बातचीत अप्रत्यक्ष रूप से जारी रहेगी. ओमान मध्यस्थ बना रहेगा, लेकिन हम भविष्य की वार्ता की जगह पर चर्चा कर रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा कि वार्ता केवल ‘परमाणु मुद्दे और प्रतिबंधों को हटाने’ पर केंद्रित होगी.
वार्ता सफल नहीं हुई, तो हो सकती है जंग!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वार्ता शुरू होने से पहले ईरान को धमकी दी है कि अमेरिका ईरान के साथ डील चाहता हैं, ट्रंप का कहना है कि हम चाहते हैं कि ईरान के परमाणु ताकत न हो अगर हम इस डील पर नहीं पहुंचते हैं, तो ईरान के लिए परिणाम बुरे होंगे. साथ ही उन्होंने ईरान पर हमले करने की धमकी दी, जिनका नेतृत्व इजराइल करेगा.