
सीरिया के अलावी समुदाय के लिए पुतिन बने मसीहा
सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता खत्म होने के बाद वहां के अल्पसंख्यक समुदायों पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा है. खासतौर पर अलावी मुस्लिमों और ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब इन अल्पसंख्यकों के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूस के पर्म क्षेत्र में इन शरणार्थियों को बसाया जा रहा है. फरवरी 2025 से अब तक करीब 150 सीरियाई शरणार्थी इस इलाके में नई जिंदगी की शुरुआत कर चुके हैं.
सीरिया में बदली सत्ता, बढ़ा खतरा
पिछले साल के अंत में यानी दिसंबर महीने में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया था. इसके बाद तुर्की समर्थित सुन्नी सरकार ने दमिश्क में अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शराआ की अगुआई में सत्ता संभाली. उन्होंने अल्पसंख्यकों की रक्षा का वादा तो किया था लेकिन अलावी मुस्लिमों और ईसाइयों पर हमले लगातार जारी हैं. कई लोगों इस समुदाय के मारे जा चुके हैं.
लताकिया से रूस तक पहुंचा दर्द
सीरिया के लताकिया क्षेत्र, जहां बड़ी संख्या में अलावी मुसलमान रहते हैं, वहां हाल के महीनों में चरमपंथियों के हमले तेज हो गए. मार्च में हुई हिंसा में करीब 1,500 अल्पसंख्यक मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग देश छोड़ने को मजबूर हुए.
रूस के पर्म में मिल रहा इन मुस्लिमों को सहारा
रूस के पर्म क्षेत्र में इन शरणार्थियों के लिए अस्थायी शिविर बनाए गए हैं. क्षेत्रीय मानवाधिकार आयुक्त इगोर सापको ने हाल ही में इन शिविरों का दौरा किया. उन्होंने बताया कि सीरिया से आए डॉक्टर और शिक्षक यहां अपने पेशे को फिर से शुरू कर सकते हैं, बशर्ते वे अपनी शैक्षणिक योग्यताओं की पुष्टि कर लें. इसके अलावा उन्हें व्यक्तिगत सिम कार्ड भी जारी किए जा रहे हैं ताकि वे संपर्क में रह सकें.
रूस में उम्मीद की किरण
रूस के पर्म में बसाए गए शरणार्थी अब रूस में एक नई शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं. वे उन देशों के प्रति आभार जता रहे हैं जो मुश्किल वक्त में उनके साथ खड़े हुए. ऐसे में पुतिन की यह पहल सिर्फ मानवता की मिसाल नहीं, बल्कि सीरियाई अल्पसंख्यकों के लिए जीवन की नई राह भी बन गई है.