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आलू की तरह उबलेंगे पाकिस्तानी… अमेरिका से आई शहबाज की टेंशन बढ़ाने वाली रिपोर्ट

आलू की तरह उबलेंगे पाकिस्तानी... अमेरिका से आई शहबाज की टेंशन बढ़ाने वाली रिपोर्ट

अमेरिका से आई शहबाज की टेंशन बढ़ाने वाली रिपोर्ट.

क्लाइमेट एक्सचेंज का खतरा अब सिर्फ भविष्य की चेतावनी नहीं रह गया हैं, बल्कि वर्तमान में तबाही का कारण बनता जा रहा है. अमेरिका से आई एक हालिया रिपोर्ट ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चिंता और बढ़ा दी है. रिपोर्ट में वॉरनिंग दी गई है कि पाकिस्तान में गर्मी का प्रकोप इस साल न सिर्फ पहले से शुरू हुआ है, बल्कि यह पहले से अधिक लंबा और जानलेवा साबित हो सकता है. यहां तापमान डेथ वैली जैसे जानलेवा स्तर तक पहुंचने वाला है, जो करोड़ों लोगों के लिए जीवन-मरण का संकट बन सकता है.

पाकिस्तान के मौसम विभाग ने आगाह किया है कि 14 से 18 अप्रैल के बीच देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो सकता है. खासकर बलूचिस्तान प्रांत के कई इलाकों में तापमान 49 डिग्री तक पहुंच सकता है, जो उत्तरी अमेरिका की सबसे गर्म जगह डेथ वैली जितना खतरनाक है. स्थानीय निवासी अयूब खोसा बताते हैं कि इतनी जल्दी और इतनी तीव्र गर्मी पहले कभी नहीं देखी गई. ऊपर से 16 घंटे तक बिजली गुल रहना हालात को और भयावह बना रहा है.

महिलाओं से लेकर किसानों तक के लिए मुसीबत

क्लाइमेट एक्सचेंज के विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में तापमान मानवीय सहनशक्ति की सीमा को लांघ सकता है. खासकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए यह गर्मी जानलेवा साबित हो सकती है. कराची की विशेषज्ञ नेहा मंकानी बताती हैं कि गर्मियों में समय से पहले बच्चों का जन्म, सांस की समस्याएं और प्रेग्नेंसी से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं.

सबसे गंभीर असर ग्रामीण और गरीब तबके पर पड़ रहा है, जिनके पास न तो ठंडी हवा की व्यवस्था है, न पक्के घर और न ही पर्याप्त पानी. सिंध और बलूचिस्तान जैसे सूखे पड़े क्षेत्रों में हालात और खराब हैं. यहां फूल झड़ने लगते हैं, फल नहीं बनते, कीट फसलों को नष्ट कर देते हैं. इससे खाद्य उत्पादन पर गंभीर असर पड़ता है, जो पहले से ही जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है.

पाक में तो बिजली की हालत भी खस्ता

रिपोर्ट में ये भी वॉरनिंग दी गई है कि आने वाले दिनों में बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी, जिससे कोयले की कमी और बिजली गुल रहने की घटनाएं बढ़ेंगी. स्कूल बंद करने पड़ सकते हैं, ट्रेनें रद्द करनी पड़ सकती हैं और स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ेगा. यह सब कुछ ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में यह गर्मी शहबाज शरीफ सरकार की सबसे बड़ी परीक्षा साबित हो सकती है.

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