
टेंशन में है तहव्वुर राणा का गांव.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत चीचा वतनी गांव तहव्वुर राणा के नाम से दुनिया में जाना जाता है. यहां रह रहे 5,000 लोगों की परेशानी का कारण न आतंकवाद है, न सुरक्षा. हालांकि फिर भी यहां के लोगों की जान खतरे में हैं. यह गांव आजकल धीरे-धीरे फैल रहे एक जहर से जूझ रहा है. वो जहर जो यहां के जमीन के पानी में मिला हुआ है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गांव के पानी में आर्सेनिक और टोटल डिजॉल्व सॉलिड्स (TDS) की मात्रा मानकों से 700 गुना अधिक पाई गई है, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक है.
पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग लैब की जांच में पाया गया कि गांव के हैंडपंप और ट्यूबवेल के पानी में आर्सेनिक की मात्रा 50 से 200 माइक्रोग्राम प्रति लीटर तक है, जबकि WHO के अनुसार सुरक्षित सीमा केवल 10 माइक्रोग्राम है. इसी तरह, TDS की मात्रा 699 से 2,230 पीपीएम तक दर्ज की गई, जबकि मानक 50 से 150 पीपीएम के बीच होना चाहिए. यह पानी पीने के लिए असुरक्षित ही नहीं, बल्कि जानवरों और खेती के लिए भी काफी खराब माना गया है.
कई बीमारियों से जूझ रहे लोग
गांव में पानी से होने वाली बीमारियों के मामले सामने आने के बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ा. एक स्थानीय स्किन स्पेशलिस्ट ने एक मरीज की जांच के दौरान आर्सेनिक से जुड़ी स्किन कैंसर की आशंका जताई और पानी की जांच करवाई. इसके बाद पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट, जिला प्रशासन, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट और ज्यूडिशियल वॉटर एंड एनवायरनमेंट कमीशन तक इस मुद्दे की गूंज पहुंची. अब तक 250 से अधिक मरीज अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं.
एक दिन में सिर्फ 2000 लीटर
गांव का RO वॉटर प्लांट पहले से ही बंद पड़ा था, लेकिन अब इसे दोबारा चालू कर दिया गया है. फिलहाल यह रोज 2,000 लीटर साफ पानी सप्लाई कर रहा है. प्रशासन ने गांववालों से हैंडपंप और ट्यूबवेल का पानी नहीं पीने की अपील की है. स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लंबरदार और प्रभावशाली लोग लोगों को जागरूक कर रहे हैं. खेती को लेकर फिलहाल राहत है क्योंकि अधिकांश फसलें नहर के पानी से सींची जाती हैं.
पानी के जहर से टेंशन
डिप्टी कमिश्नर इम्तियाज खीची ने दावा किया है कि ये समस्या प्राकृतिक है और किसी औद्योगिक अपशिष्ट से नहीं जुड़ी. उन्होंने बताया कि गहराई में खुदाई करने पर पानी में आर्सेनिक और TDS की मात्रा कम पाई जाती है. फिलहाल प्रशासन दीर्घकालिक समाधान के तौर पर सार्वजनिक जल योजना पर काम कर रहा है ताकि गांव को स्थायी रूप से सुरक्षित पेयजल मिल सके. गांव की चिंता फिलहाल आतंक से नहीं, पानी में घुले जहर से है.