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अंधेरे में डूबे लोग, मोबाइल-फ्रीज बंद…ईद से पहले इस कट्टर मुस्लिम देश में इमरजेंसी जैसे हालात

अंधेरे में डूबे लोग, मोबाइल-फ्रीज बंद...ईद से पहले इस कट्टर मुस्लिम देश में इमरजेंसी जैसे हालात

सीरिया में ब्लैकआउट

मध्य-पूर्व में सीरिया की एक वक्त में बादशाहत थी. सीरिया के आईएसआई लड़ाकों से अमेरिका तक को डर लगता था, लेकिन सीरिया अब बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है. हालात ऐसे हो गए हैं कि कट्टर मुस्लिमों के इस देश में बिजली गुल हो गई है. लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.

एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक यह पहली बार है, जब ईद के मौके पर सीरिया में बिजली गुल है. लड़ाई और हिंसा की वजह से सीरिया के लोगों को पूरे दिन में सिर्फ 1-2 घंटे तक ही बिजली मिल पा रही है.

गुलजार रहती थी सीरिया की रातें

बशर अल असद के शासन में सीरिया का दबदबा था. सीरिया में बिजली की आपूर्ति निर्बाध थी. रात को भी लोग सीरिया की सड़कों पर आसानी से निकलते थे. सीरिया में कैफे की कई दुकानें थी, जहां विदेशी पर्यटक भी रहते थे, लेकिन बदली परिस्थितियों में सीरिया खंडहर में तब्दील हो गया है.

संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक 14 साल के संघर्ष की वजह से सीरिया अब पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. यहां के 90 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. सामान्य जनजीवन के पटरी पर लौटने की अभी भी उम्मीद कम है.

बिजली न होने की वजह से मोबाइल फोन और फ्रीज जैसे उपकरण बंद पड़े हैं. लोग जरूरी सेवाओं के लिए जनरेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो काफी महंगा है.

हिंसा खत्म होने का इंतजार

रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में दिसंबर 2024 में असद के तख्तापलट के बाद भी हिंसा जारी है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने शुरुआत में मदद के लिए तो हाथ आगे बढ़ाया था, लेकिन हिंसक घटनाएं हो जाने की वजह से हाथ पीछे खींच लिया.

हाल ही में कतर ने भी गैस का सौदा किया था, लेकिन बिजली आपूर्ति पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. असद की वजह से सीरिया को रूस का भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है.

सीरिया की नई अंतरिम सरकार अमेरिका के भरोसे बैठी है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के फर्स्ट अमेरिका नीति की वजह से यहां भी पेच फंसा हुआ है.

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